US: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत लगाए गए व्यापक टैरिफ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मचा दी है। ट्रंप प्रशासन का दावा है कि ये टैरिफ अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देंगे और व्यापार घाटे को कम करेंगे,
लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ये उल्टा असर कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी ने हाल ही में न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में चेतावनी दी है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था 2025 के अंत तक भारी मंदी की चपेट में आ सकती है।
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US: लिबरेशन डे की घोषणा
जैंडी जो 2008 के वित्तीय संकट का सटीक पूर्वानुमान लगा चुके हैं, का कहना है कि वर्तमान में अर्थव्यवस्था मंदी में नहीं है, लेकिन यह ‘मंदी के कगार पर’ खड़ी है। उन्होंने कहा, “ट्रंप के टैरिफ और सख्त इमिग्रेशन नीतियां आर्थिक अनिश्चितता को चरम पर पहुंचा रही हैं, जिससे निवेश और रोजगार प्रभावित हो रहे हैं।
“ट्रंप ने फरवरी 2025 से शुरू होकर अप्रैल में ‘लिबरेशन डे’ घोषित करते हुए सभी देशों पर 10% बेसलाइन टैरिफ लगाए, जबकि चीन, कनाडा, मैक्सिको और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर 25% से 145% तक के रेसिप्रोकल टैरिफ थोपे।
अमेरिकी आयतको पर डाल रहे बोझ
ये कदम अमेरिकी आयातकों पर बोझ डाल रहे हैं, जो लागत को उपभोक्ताओं पर स्थानांतरित कर रहे हैं। जैंडी के अनुसार, ये टैरिफ अमेरिकी परिवारों पर सालाना 1,200 से 1,300 डॉलर का अतिरिक्त खर्च थोप रहे हैं। जुलाई 2025 के आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोक्ता खर्च स्थिर हो गया है,
जबकि निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र संकुचन में हैं। श्रम विभाग के डेटा में जुलाई में केवल 73,000 नौकरियां जुड़ीं, जो अपेक्षाओं से कम थीं, और मई-जून के आंकड़ों में 258,000 नौकरियों की कटौती की गई।
जीडीपी 0.3% सिकुड़ी
बेरोजगारी दर 4.1% पर स्थिर है, लेकिन विदेशी श्रमिकों की कमी से श्रम बल सिकुड़ रहा है, जिससे वास्तविक स्थिति और खराब है।ट्रंप प्रशासन जीडीपी वृद्धि, विदेशी निवेश और मुद्रास्फीति नियंत्रण को अपनी उपलब्धियां बताता है, लेकिन जैंडी ने इन्हें ‘खोखले दावे’ करार दिया।
उन्होंने कहा कि कई महीनों से चली आ रही आशंकाएं अब साकार हो रही हैं। 2025 की पहली तिमाही में जीडीपी 0.3% सिकुड़ी, जो 2022 के बाद पहली बार है। इन्फ्लेशन 2.7% पर है, लेकिन टैरिफ से यह 3-4% तक पहुंच सकता है,
जिससे फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें कम करने में कठिनाई हो रही है। जैंडी ने अनुमान लगाया कि 2025 के अंत तक मंदी की संभावना 40% से बढ़कर 49% हो गई है।
अमेरिका के लगभग एक-तिहाई राज्य मंदी में
गोल्डमैन सैक्स ने भी मंदी की संभावना 35% बताई है। वे कहते हैं, “टैरिफ कंपनियों के मुनाफे और उपभोक्ता खरीदारी शक्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इमिग्रेशन प्रतिबंध से अर्थव्यवस्था छोटी हो रही है।
जैंडी के अनुसार, अमेरिका के लगभग एक-तिहाई राज्य (जीडीपी का 29%) पहले से मंदी में हैं या उच्च जोखिम पर हैं, जिसमें कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क जैसे बड़े राज्य शामिल हैं। निर्माण और विनिर्माण पहले ही मंदी में प्रवेश कर चुके हैं।
पूर्वानुमान गलत साबित हुआ
यदि नीतियां नहीं बदलीं, तो बेरोजगारी 7.5% तक पहुंच सकती है और जीडीपी 2% सिकुड़ सकती है। ट्रंप ने डेटा को ‘रिग्ड’ बताकर श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के कमिश्नर को बर्खास्त कर दिया, लेकिन जैंडी ने कहा कि ये संशोधन मंदी के संकेत हैं।
व्हाइट हाउस का कहना है कि ये पूर्वानुमान गलत साबित हुए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अनिश्चितता से व्यवसाय निवेश रोक रहे हैं।वैश्विक स्तर पर, ये टैरिफ व्यापार युद्ध को जन्म दे रहे हैं।
चीन ने 34% जवाबी टैरिफ लगाए, जबकि कनाडा और यूरोपीय संघ ने प्रतिशोध की धमकी दी। आईएमएफ ने 2025 की वैश्विक वृद्धि 0.5% घटा दी है। जैंडी ने चेताया कि यदि टैरिफ बढ़ते रहे, तो अमेरिकी संपत्तियां सुरक्षित पनाहगाह की स्थिति खो देंगी।
हालांकि, यदि ट्रंप नीतियां संशोधित करें, तो मंदी टल सकती है। फिलहाल, अमेरिकी अर्थव्यवस्था हर मोर्चे पर ‘लाल निशान’ पर है नौकरियां, उपभोक्ता मूल्य और निवेश सब प्रभावित। ट्रंप का ‘अमेरिका फर्स्ट’ अब अमेरिका को ही नुकसान पहुंचा रहा लगता है।