यूपी भाजपा: उत्तर प्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पंकज चौधरी का नाम लगभग फाइनल माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्तावक बनने के बाद संगठन के भीतर उनके नाम पर सहमति साफ दिख रही है।
संभावना है कि 14 दिसंबर 2025 को उनके नाम की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल पूरा हो चुका है, ऐसे में संगठन को नया चेहरा मिलने जा रहा है।
संगठन और सामाजिक संतुलन की रणनीति
यूपी भाजपा: पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाना भाजपा का एक सोचा-समझा राजनीतिक कदम माना जा रहा है।
वे ओबीसी समाज से आते हैं और उनके जरिए पार्टी गैर-यादव ओबीसी वर्ग को और मजबूती से जोड़ने की कोशिश करेगी।
2027 के विधानसभा चुनाव से पहले यह फैसला सामाजिक संतुलन और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने में अहम भूमिका निभा सकता है।
योगी आदित्यनाथ और पंकज चौधरी दोनों का पूर्वांचल से होना भी पार्टी के लिए फायदे का सौदा माना जा रहा है।
पार्षद से सात बार के सांसद तक का सफर
यूपी भाजपा: पंकज चौधरी की राजनीति की शुरुआत 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में हुई थी।
इसके बाद वे डिप्टी मेयर बने और 1991 में पहली बार लोकसभा पहुंचे।
महाराजगंज सीट से उन्होंने लगातार सात बार जीत दर्ज कर भाजपा में अपनी मजबूत पकड़ साबित की।
2021 से वे केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
जब पीएम मोदी बिना प्रोटोकॉल पैदल चल पड़े
यूपी भाजपा: पंकज चौधरी का राजनीतिक कद उस समय और चर्चा में आया जब 7 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर दौरे पर थे।
गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के दौरान पीएम मोदी अचानक उनसे मिलने उनके घर जाने का फैसला किया।
संकरी गली होने के कारण गाड़ी करीब 150 मीटर पहले रुक गई, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पैदल चलकर उनके घर पहुंचे।

सादगी का वो वायरल पल
यूपी भाजपा: पंकज चौधरी के घर पहुंचने पर उनकी मां उज्ज्वला चौधरी ने प्रधानमंत्री की आरती उतारी और सगुन के तौर पर ₹101 और हनुमान जी की मूर्ति भेंट की।
पीएम मोदी करीब 12 मिनट तक वहां रुके, बच्चों से बातचीत की और घर में प्रवेश से पहले विनम्रता से पूछा, “जूता निकालकर अंदर जाना है?” यह दृश्य सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ और पीएम की सादगी की खूब चर्चा हुई।
परिवार की राजनीतिक और सामाजिक जड़ें
यूपी भाजपा: पंकज चौधरी का परिवार लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहा है।
उनके पिता स्वर्गीय भगवती प्रसाद चौधरी बड़े जमींदार थे, जबकि उनकी मां उज्ज्वला चौधरी महाराजगंज जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उ
नकी पत्नी भाग्यश्री चौधरी भी सामाजिक कार्यों से जुड़ी हुई हैं, जिससे क्षेत्र में परिवार की मजबूत पकड़ बनी हुई है।
राजनीति के साथ मजबूत कारोबारी पहचान
यूपी भाजपा: राजनीति के अलावा पंकज चौधरी की पहचान एक सफल उद्योगपति के रूप में भी है।
वे आयुर्वेदिक तेल ‘राहत रूह’ बनाने वाली हरबंशराम भगवानदास कंपनी के मालिक हैं।
पूर्वांचल में यह ब्रांड काफी लोकप्रिय है और उनकी व्यावसायिक सफलता उनके सामाजिक प्रभाव को और बढ़ाती है।
जातीय समीकरण और चुनावी गणित
यूपी भाजपा: पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जो उत्तर प्रदेश में यादवों के बाद सबसे बड़ा ओबीसी वर्ग माना जाता है।
भाजपा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर इस बड़े वोट बैंक को अपने पक्ष में और मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
गैर-यादव ओबीसी वोटों को साधने के लिहाज से यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।
संपत्ति, छवि और राजनीतिक वजन
यूपी भाजपा: बताया जाता है कि पंकज चौधरी की कुल संपत्ति 41 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें कृषि भूमि से लेकर आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं।
इसके बावजूद उनकी छवि एक साफ-सुथरे और जमीन से जुड़े नेता की बनी हुई है। यही कारण है कि पार्टी उन्हें संगठन की बड़ी जिम्मेदारी सौंपने को तैयार दिख रही है।
यूपी भाजपा के लिए क्यों अहम हैं पंकज चौधरी
यूपी भाजपा: अनुभव, संगठन पर पकड़, सामाजिक संतुलन और केंद्र से सीधा जुड़ाव, इन सभी वजहों से पंकज चौधरी का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
अगर उनकी नियुक्ति होती है, तो यह यूपी भाजपा के लिए आने वाले चुनावों से पहले एक मजबूत और रणनीतिक कदम साबित हो सकता है।

