Unnao Bus Accident: बिहार के सीतामढ़ी से दिल्ली आ रही डबल डेकर बस ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के उन्नाव में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक दूध के टैंकर को टक्कर मार दी। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गयी है वहीं 30 से ज्यादा लोग जख्मी हालत में हैं।
नई दिल्ली: अपने घरों को को छोड़कर कमाई करने दिल्ली चले थे। ये सोचकर की पैसे कमाएंगे, परिवार को भेजेंगे, उनके चेहरे पर मुस्कान लाएंगे और फिर एक दिन घर जाकर अपनी पसंद से घर आलिशान घर बनाएंगे और आराम से रहेंगे। लेकिन ये कहां पता था कि यूपी के उन्नाव में ही उनके सपने चूर-चूर हो जायेंगे।
बस में आ रहे सभी यात्रियों को यूपी के उन्नाव में बुधवार की सुबह को एक ऐसा सड़क हादसा हुआ कि चारों ओर चीख-पुकार और मौत का आतंक मच गया। इस चीख-पुकार, आतंक का शोर बिहार के सीतामढ़ी, शिवहर जिले से लेकर चंपारण जिलेतक पहुंचा। सीतामढ़ी से निकली स्लीपर बस दिल्ली जिसकी मंजिल दिल्ली। मगर उन्नाव के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर वह बस एक भयावह हादसे का शिकार हो गयी। तेज रफ्तार में चल रही बस अचानक दूध के टैंकर से जा टकराई और देखते ही देखते चारों ओर मौत छा गयी।
हादसा इतना भयावह था कि 18 लोगों कि बस में ही मौत ही गयी, हॉस्पिटल तक भी नहीं पहुंच पाए
बिहार के सीतामढ़ी से सवारियों को लेकर दिल्ली की ओर आ रही इस बस में इस केवल लोग सवार नहीं थे बल्कि उनके साथ उनके सपने और उनकी उम्मीदें भी इस बस में थीम लेकिन इस हादसे ने सब खत्म कर दिया। उन्नाव में आते-आते 18 लोगों की अपनी जान से हाथ धो बैठे। डबल डेकर बस के दूध के टैंकर में टकराने की घटना इतनी भयावह थी कि वो 18 लोग हॉस्पिटल तक नहीं पहुंच पाए, उन्होंने वहीं बस में ही दम तोड़ दिया। इस बस हादसे में कई लोग घायल हैं, जिनका इलाज अभी चल रहा है। मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक उन सभी की हालत स्टेबल बताई जा रही है, वह सभी खतरे से बहार है। इस पूरे हादसे में खुशखबरी की बात तो ये है कि बस में सवार 20 लोग सुरक्षित हैं और उन्हें दिल्ली रवाना कर दिया है। कुछ न सही से तो कुछ होना ज्यादा अच्छा है। कुल मिलाकर 39 लोगों की जान बच गयी है। इस बस में ज्यादातर कामगार लोग सवार थे। अधिकांश लोग दिल्ली अपने घर से काम करने आ रहे थे।
पीछे बैठने वाले लोग खुशकिस्मत थे
बस ने सामने से दूध के टैंकर में टक्कर मारी थी। अगर आप हादसे की तसवीरें देखेंगे तो उसमें बस का सबसे अधिक सामने और दाहिने वाला हिस्सा क्षतिग्रस्त (डैमेज) हुआ है। बस में जज्यादातर उन्हीं लोगों की मौत हुई है, जो आगे की सीटों पर थे। पीछे वाली सीटों पर बैठने वाले लोगों की शायद किस्मत अच्छी थी। अगर वे बस में आगे बैठे होते तो आज इन मौतों में उनका भी नाम होता।