Tuesday, May 6, 2025

UN कंगाली के कगार पर, ट्रंप ने 19 हजार करोड़ की राशि रोकी

UN: संयुक्त राष्ट्र जिसे कभी दुनिया की सबसे बड़ी नैतिक ताकत माना जाता है। आज वो खुद कंगाली की कगार पर खड़ा है। जो संस्था दुनिया भर में युद्ध रोकने, भूख मिटाने और इंसानों को इंसानियत का मतलब समझाने का काम करती है, अब उसके पास अपने ही कर्मचारियों को तनख्वाह देने के पैसे नहीं बचे। अगर यही हाल रहा, तो सिर्फ 5 महीने बाद यूएन की दफ्तरों में सन्नाटा होगा और शांति सेनाएं सिर्फ इतिहास की किताबों में मिलेंगी।

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UN करेगा तीन हजार कर्मचारियों की छंटनी

आपको जानकर हैरानी होगी की यूएन की यह दुर्दशा किसी प्राकृतिक आपदा का नतीजा नहीं, बल्कि सुपरपावर अमेरिका की ‘सुपर बेरुखी’ का परिणाम है। अमेरिका ने यूएन की 19 हजार करोड़ रुपये की राशि रोक दी है। ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ राशि बाइडन के समय की रोकी गई है। इसी के चलते यूएन को अब अपने बजट में 5 हजार करोड़ की कटौती करनी पड़ी है। जिसकी वजह से 3,000 कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी।

7 हजार करोड़ की राशि बकाया

बता दें कि यूएन में 193 देश सदस्य है, जिसमें से 7 हजार करोड़ रुपये की राशि 41 देशों पर बकाया है। जिसमें अमेरिका, अर्जेंटीना, मैक्सिको और वेनेजुएला जैसे देश शामिल हैं। वहीं पिछले साल 80 साल पुराने संगठन संयुक्त राष्ट्र को बजट और नकदी के स्तर पर कुल 1,660 करोड़ का सीधा घाटा हुआ। यह घाटा तब हुआ जब यूएन ने अपने कुल बजट का 90 फीसदी ही खर्च किया था। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर यूएन ही नहीं रहेगा तो, दुनिया भर में युद्ध रोकने, कम्यूनिकेशन और शांति स्थापित करने का काम कौन करेगा।

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Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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