Turkey: तुर्किए ने आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि भारत के साथ बिगड़े रिश्तों ने उसके टूरिज्म सेक्टर पर बुरा असर डाला है। जनवरी से अप्रैल 2025 तक तुर्किए में आए विदेशी पर्यटकों की संख्या में 0.6% की गिरावट दर्ज की गई है।
यह आंकड़ा मामूली लग सकता है, लेकिन जब बात टूरिज्म जैसे संवेदनशील और तेजी से बढ़ते सेक्टर की हो, तो यह गिरावट बड़ी मानी जा रही है।]
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भारत से आने वाले पर्यटक हुए कम
Turkey: विशेषज्ञों का कहना है कि इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह भारत से आने वाले टूरिस्टों की संख्या में भारी कमी है। भारत के दो लाख टूरिस्ट हर साल तुर्किए का रुख करते थे, लेकिन अब उनमें बड़ी गिरावट आई है।
वजह है तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के भारत-विरोधी और कश्मीर मुद्दे पर दिए गए विवादास्पद बयान। इन बयानों ने भारतीय जनता की भावनाओं को आहत किया और इसके जवाब में सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey जैसे ट्रेंड्स चलने लगे।
भारतीय टूरिस्ट, बड़ा और खर्चीला बाजार
Turkey: भारतीय टूरिस्ट सिर्फ संख्या में ही नहीं, खर्च करने में भी आगे होते हैं। होटल, शॉपिंग, लोकल टूर पैकेज—हर क्षेत्र में भारतीय पर्यटक खुलकर खर्च करते हैं। ऐसे में भारत जैसे हाई-स्पेंडिंग टूरिज्म मार्केट से दूरी बनना तुर्किए की अर्थव्यवस्था को सीधे प्रभावित करता है।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
Turkey: टूरिज्म सेक्टर की गिरावट अब तुर्किए की संसद तक पहुंच गई है। विपक्षी दलों ने एर्दोगन की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक नेता की बयानबाज़ी की कीमत पूरे देश को चुकानी पड़ रही है। विपक्ष ने पूछा है, “क्या भारत जैसे दोस्ताना और आर्थिक दृष्टि से लाभदायक देश से टकराना जरूरी था?”
क्या तुर्किए की गिरावट स्थायी बन जाएगी?
Turkey: नीतिगत विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तुर्किए ने जल्द ही भारत से रिश्ते नहीं सुधारे, तो यह गिरावट हर साल दोहराई जा सकती है। टूरिज्म सिर्फ सुंदर जगहों से नहीं, बल्कि देश की वैश्विक छवि और कूटनीति से चलता है। भारत में तुर्किए की छवि अब एक नकारात्मक देश के रूप में बन गई है, जिसे सुधारने में समय लगेगा।