Tuesday, September 2, 2025

3 महीने में ट्रंप ने भारत को किया अमेरिका से दूर – अमेरिकी मीडिया

भारत-अमेरिका रिश्तों पर वैश्विक बहस

सीएनएन, डीडब्ल्यू, फ्रांस 24 और स्काई न्यूज़ जैसे अंतरराष्ट्रीय चैनलों पर इन दिनों सिर्फ एक ही मुद्दे पर चर्चा हो रही है, भारत और अमेरिका के रिश्तों में आई दूरी।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

रिपोर्ट्स में कहा गया कि डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों और गलतियों ने तीन दशक से बनी मेहनत को तीन महीनों में बर्बाद कर दिया।

ट्रम्प की गलत रणनीति और भारत की प्रतिक्रिया

सीएनएन पर डेमोक्रेटिक हाउस आर्म्ड सर्विस कमेटी के प्रमुख एडम स्मिथ ने आरोप लगाया कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ट्रम्प ने जो झूठा श्रेय लेने की कोशिश की, उसी कारण यह स्थिति बनी।

वहीं, वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक जॉन बौल्टोन ने स्काई न्यूज़ को बताया कि ट्रम्प भारत को नीचा दिखाना चाहते थे, जबकि भारत सम्मान चाहता था और उसने दिखा दिया कि उसके पास कई विकल्प मौजूद हैं।

बदलती दुनिया और ट्रम्प की पुरानी सोच

टाइम्स ग्रुप की टाइम्स रेडियो ने अपनी बहस में कहा कि ट्रम्प अमेरिका-केंद्रित व्यवस्था थोपना चाहते थे, लेकिन दुनिया 1991 के बाद काफी बदल चुकी है।

अब हालात ऐसे नहीं रहे कि केवल अमेरिका की मर्जी पर वैश्विक राजनीति संचालित हो। भारत ने इस बदले समीकरण में अपना प्रभाव बढ़ाने की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाया है।

चीन-रूस फैक्टर और भारत की अहमियत

विश्लेषण में यह भी सामने आया कि चीन का पश्चिमी और अमेरिकी मीडिया पर गहरा प्रभाव है। फॉक्स न्यूज़ को छोड़कर अधिकांश बड़े चैनलों पर चीन समर्थक डीप स्टेट तत्व सक्रिय बताए जाते हैं।

रूस और चीन पर लोकतंत्रविरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं, ऐसे में भारत जैसा लोकतांत्रिक देश जब चीन के साथ खड़ा होता है तो चीन को अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए भारत को आगे रखना पड़ता है।

भारत-अमेरिका रिश्तों में अब भी मजबूत आधार

भारत अभी भी अमेरिका से अपने संबंध तोड़ना नहीं चाहता। दोनों देशों के बीच भाषा का साझा आधार होने से पीपल-टू-पीपल रिलेशन काफी मजबूत बने हुए हैं।

लेकिन शुरुआती दिनों में जिस तरह ट्रम्प ने लगातार बयानों से भारत में प्रधानमंत्री मोदी पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, अब वही दबाव भारत, चीन की मदद से अमेरिका के भीतर ट्रम्प पर बनाने में सफल हो रहा है।

ट्रम्प का टोन डाउन और आगे की संभावनाएं

इसी दबाव का असर था कि ट्रम्प ने भारत के खिलाफ टैरिफ पर कल दिए अपने पोस्ट में बेहद नरम लहजा अपनाया।

ट्रम्प यू-टर्न लेने के लिए प्रसिद्ध हैं, इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्को रूबियो किसी भी वक्त भारत को लेकर आगे बढ़कर पहल कर सकते हैं।

रुबियो ने हाल ही में कहा था कि भारत-अमेरिका संबंध बहुत गहरे हैं। अब देखना होगा कि अमेरिका इस रिश्ते को किस दिशा में ले जाता है।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article