Friday, November 22, 2024

सोशल मीडिया की ताकत ने पुणे केस के आरोपी को पहुंचाया सलाखों के पीछे

सोशल मीडिया आज कुछ लोगों की वजह से एक बड़ा खतरा बन गया है, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यह लोगों को इंसाफ तक दिलाने में ये मददगार साबित हो रहा है। ऐसा ही कुछ हुआ पुणे केस में। इस हादसे में एक तेज रफ्तार कार ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिसमें दो लोग की मौत हो गई थी।

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जानकारी के लिए बता दें कि कार एक 17 साल का नाबालिग चला रहा था, जोकि शराब के नशे में धुत था। वो किसी बड़े बिजनेसमैन का बेटा है जिसके काफी ऊंचे पॉलिटिकल कनेक्शंस भी हैं। इस मामले में कभी कोई खुलासा न होता अगर सोशल मीडिया ना होता। हालांकि आरोपी के परिवार वाले मामले को रफा-दफा करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे थे, लेकिन आरोपी के हर एक्टिविटी की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी। इसके बाद लोगों ने इंसाफ के लिए मुहीम चला दी, जिसके आगे सरकार और प्रशासन सबको घुटने टेंकने पड़ गए।

सोशल मीडिया बना हथियार एक के बाद एक नए खुलासे

आरोपी के पिता ने पुलिस से लेकर डॉक्टर्स तक के साथ ही, इस केस से जुड़े हर एक आदमी को घूस खिलाकर अपने बेटे को बचाने की खूब कोशिश की लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो ने हर उस कोशिश को नाकाम कर दिया।

इस मामले में पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार द्वारा खुलासा किया गया कि ससून सरकारी अस्पताल के दो डॉक्टर्स डॉ श्रीहरि हल्नोर और डॉ अजय तावरे ने 17 साल के नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल को कूड़े में फेंककर उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति की सैंपल रिपोर्ट लगा दी थी। इस रिपोर्ट में ये पता लगना था की घटना के वक्त आरोपी ने शराब पी रखी थी या नहीं। उन डॉक्टर्स ने सैंपल के साथ हेराफेरी कर उन्हें क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन पुलिस को रिपोर्ट पर शक हुआ तो आरोपी के ब्लड सैंपल दुबारा जांच के लिए भेजे गए और उन रिपोर्ट्स में पाया गया की पिछली रिपोर्ट्स के साथ छेड़छाड़ हुई थी।

बिल से लेकर टक्कर मारने तक का वीडियो आया सामने

आरोपी के बिल से लेकर टक्कर मारने तक के सारे वीडियोस सोशल मीडिया पर वायरल होते चले गए और ना चाहते हुए भी पुलिस को इस केस कि तह तक जाना पड़ा। इसी के साथ ही हादसे में अपनी जान गंवा चुके दोनों को न्याय मिला।

आरोपी के दादजी का अंडरवर्ल्ड तक से कनेक्शन

जब इस मामले कि जांच हुई तो ये भी पाया गया की आरोपी के दादाजी के गुंडाराज से अंदर तक के कनेक्शंस थे, उन्हीं के चलते इस परिवार को पूरा विश्वास था की वो अपने बेटे को इस मामले से जरूर बाहर निकल लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

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