तेजस्वी यादव का ‘वक्फ कार्ड’: बिहार चुनाव के बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाकों, कटिहार और किशनगंज की रैलियों के दौरान ऐसा बयान दिया जिसने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया।
उन्होंने कहा कि “अगर इंडी गठबंधन की सरकार बनी, तो केंद्र का वक्फ संशोधन कानून 2024 सीधे कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।”
यह वही कानून है जिसे एनडीए सरकार ने अप्रैल 2024 में पारित किया था और इसे मुस्लिमों, पिछड़ों और महिलाओं के हित में बताया गया था।
लेकिन विपक्ष इसे धार्मिक संस्थाओं की संपत्ति पर सरकार के नियंत्रण की कोशिश मानता है।
‘सांप्रदायिक ताकतों’ पर तेजस्वी का हमला
तेजस्वी यादव का ‘वक्फ कार्ड’: तेजस्वी ने अपनी रैली में नीतीश कुमार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “नीतीश हमेशा सांप्रदायिक ताकतों के साथ रहे हैं, जबकि लालू यादव ने कभी समझौता नहीं किया।”
बीजेपी को उन्होंने “भारत जलाओ पार्टी” कहा और आरएसएस पर समाज में नफरत फैलाने का आरोप लगाया।
तेजस्वी का दावा है कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता का नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और भाईचारे की रक्षा का है।
‘20 साल की नाकामी’ का मुद्दा उठाया
तेजस्वी यादव का ‘वक्फ कार्ड’: तेजस्वी ने अपने भाषण में बिहार के विकास पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 20 साल के शासन के बावजूद राज्य अब भी गरीबी, बेरोजगारी और बदहाल कानून-व्यवस्था से जूझ रहा है।
उन्होंने मोदी-नीतीश गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि “दो दशक की सत्ता ने बिहार को बदला नहीं, बल्कि पीछे धकेला है।”
आरजेडी के एमएलसी ने भी दिया विवादित बयान
तेजस्वी यादव का ‘वक्फ कार्ड’: तेजस्वी के बयान से एक दिन पहले आरजेडी एमएलसी मोहम्मद कारी सोहैब ने भी कहा था कि अगर तेजस्वी मुख्यमंत्री बने, तो “सभी विवादित बिल, वक्फ कानून समेत, फाड़कर फेंक दिए जाएंगे।”
बीजेपी ने सवाल उठाया कि राज्य की सरकार आखिर केंद्र द्वारा पारित किसी कानून को कैसे रद्द कर सकती है।
बीजेपी का पलटवार, ‘साफ तुष्टिकरण की कोशिश’
तेजस्वी यादव का ‘वक्फ कार्ड’: बीजेपी नेताओं ने तेजस्वी पर सीधा आरोप लगाया कि यह बयान “मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने की कोशिश” है। पार्टी ने कहा कि आरजेडी हमेशा से तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है, और यह बयान उसी मानसिकता का नया रूप है।
बीजेपी ने यह भी कहा कि तेजस्वी को बिहार के असली मुद्दों, रोजगार, शिक्षा और भ्रष्टाचार पर बोलना चाहिए, न कि धर्म के नाम पर वोट माँगना।
‘वक्फ कानून’ बना नई सियासी बहस का केंद्र
तेजस्वी यादव का ‘वक्फ कार्ड’: वक्फ संशोधन कानून 2024 संसद में पारित होने के बाद से ही विवादों में है। एनडीए का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए बनाया गया है। वहीं, विपक्ष का दावा है कि इससे मुस्लिम समाज की धार्मिक संस्थाएँ सरकार के नियंत्रण में आ जाएँगी।

