Monday, December 1, 2025

बिहार: रोहिणी आचार्य के आरोपों से भड़के भाई तेज प्रताप, बोले, “बहन का अपमान हुआ तो सुदर्शन चक्र चलेगा”

बिहार: बिहार राजनीति में लालू परिवार की अंदरूनी खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है।

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विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जिस तरह तेज प्रताप यादव को पार्टी से बाहर किया गया, उसी कड़ी में अब लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी राजनीति और परिवार, दोनों से दूरी बना ली।

घर से निकलते वक्त रोहिणी ने कहा कि “मेरा कोई परिवार नहीं है। उन्हीं लोगों ने मुझे घर से निकाला है।

संजय और रमीज का नाम लेने पर मुझे परेशान किया जाता है।”

बिहार: रोहिणी ने सीधे तौर पर पार्टी के भीतर दबाव, गालियों और अपमान का आरोप लगाया।

उन्होंने सवाल उठाया कि “जब पार्टी का ये हाल हुआ तो जिम्मेदारी कौन लेगा?”

बहन के समर्थन में उतरे तेज प्रताप

बिहार: रोहिणी के भावुक बयान ने परिवार की राजनीति में भूचाल ला दिया। मीडिया से बात करते हुए तेज प्रताप यादव बेहद आक्रामक दिखाई दिए।

उन्होंने कहा, “रोहिणी जो बोल रही हैं, एकदम सही बोल रही हैं। एक मां, एक बहन के नाते उन्होंने जो किया, वो कोई बेटी नहीं कर सकती।

हमारी बहन का जो अपमान करेगा, उस पर सुदर्शन चक्र चलेगा।”

बिहार: तेज प्रताप ने साफ कहा कि रोहिणी के बलिदान, पिता को किडनी देने जैसी ‘पवित्र जिम्मेदारी’ को जिस तरह गंदा कहा गया, वह असहनीय है।

उनका कहना था कि पार्टी में ऐसे लोगों को बचाया जा रहा है, जिन्होंने बहन का अपमान किया।

तेजस्वी पर भी निशाना, रोहिणी का दर्द सोशल मीडिया पर फूटा

बिहार: रोहिणी आचार्य ने अपने एक्स हैंडल पर बेहद भावुक पोस्ट किया। उन्होंने बताया कि उन्हें “गंदी”, “अपनी गंदी किडनी लगवाने वाली” जैसी गालियां दी गईं और करोड़ों रुपये लेने का आरोप लगाया गया।

रोहिणी ने लिखे शब्दों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। “मैं सभी बहनों और बेटियों से कहना चाहती हूं, अपने पिता को बचाने की गलती कभी मत करना।

बिहार: अपने मायके के बेटों पर ही भरोसा करना।”

उन्होंने कहा कि पिता को बचाने के लिए की गई अपनी ‘कुरबानी’ आज उन्हें ‘गुनाह’ की तरह सुनाई जा रही है।

बिहार: रोहिणी ने साफ कहा कि “मेरे जैसी गलती कोई बेटी दोहराए नहीं… किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी न हो।”

लालू परिवार की साख पर बड़ा सवाल

बिहार: चुनाव के तुरंत बाद लालू परिवार में बढ़ा यह विवाद राजद की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

तेज प्रताप के बयान, रोहिणी की वेदना और तेजस्वी पर लगे सीधे आरोपों ने पार्टी की अंदरूनी राजनीति को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है।

लालू यादव की राजनीतिक विरासत जिस परिवारवाद के सहारे खड़ी हुई थी, वही परिवार अब चार हिस्सों में बंटता नजर आ रहा है।

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