टाटा संस को टैक्स डिपार्टमेंट्स से बड़ी राहत मिली है। समूह को जीएसटी डिपार्टमेंट की ओर से भेजी गई 1,500 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड समाप्त कर दी गई है। बता दें कि यह मामला दोकोमो के साथ हुई सेटलमेंट डील से जुड़ा हुआ था।
1500 करोड़ कि मिली रहत
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी डिपार्टमेंट की एडजुकेटिंग अथॉरिटी ने टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस को दोकोमो के साथ सेटलमेंट डील से जुड़े इस मामले में राहत दी है। अथॉरिटी ने कंपनी के ऊपर लगे 1,500 करोड़ रुपये के टैक्स डिमांड को हटाने का फैसला किया है। मामले से जुड़े अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि एडजुकेटिंग अथॉरिटी का यह आदेश आर्बिट्रेशन से जुड़ी कंपनियों के लिए नजीर का काम करेगा।
जीएसटी डिपार्टमेंट जा सकता है हाई कोर्ट
हालांकि अभी टाटा संस के को इस मामले से पूरी तरह रहत नहीं मिल पायी है क्योकि अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी डिपार्टमेंट एडजुकेटिंग अथॉरिटी के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जा सकता है।
1.27 बिलियन डॉलर का किया था भुगतान
टाटा समूह का मुख्य हिस्सा टाटा संस ने अपनी दूरसंचार कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज और जापान की एक दूरसंचार कंपनी डोकोमो के बीच विवाद को सुलझाने के लिए 1.27 बिलियन डॉलर दिए। डोकोमो को यह पैसा टाटा संस ने दिया था, लेकिन जीएसटी विभाग ने कहा कि टाटा संस वास्तव में टाटा टेलीसर्विसेज के लिए पैसे दे रहा था। इस वजह से, ऐसा लगता है कि टाटा टेलीसर्विसेज ने टाटा संस से पैसे उधार लिए हैं और अब उन्हें एक कर (जिसे जीएसटी कहा जाता है) देना है, जो उस राशि का 18% है।
टाटा संस का विरोद
2019 में आये डीजीजीआई के आदेश को टाटा संस ने चुनौती दी थी। टाटा संस के अनुसार उन्होंने यह पेमेंट लंदन की एक अदालत में आर्बिट्रेशन की सुनवाई के बाद किया था। जिसके चलते उनके ऊपर जीएसटी की कोई देनदारी नहीं बनती है। टाटा संस ने तर्क पेश किया कि आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट में जीएसटी की देनदारी का सवाल ही नहीं उठता है।