Tariff: पिछले कई दिनों से आपने टैरिफ को लेकर कई खबरें सुनी होंगी—जैसे अमेरिका ने कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाया या भारत ने अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ को कम कर दिया। लेकिन क्या आपको पता है कि टैरिफ होता क्या है और यह क्यों लगाया जाता है? अगर नहीं, तो आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
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Tariff: क्या है टैरिफ ?
सबसे पहले तो इंटरनेशनल बिसिनेस्स में टैरिफ वो टैक्स होता है, जो किसी भी प्रोडक्ट के इम्पोर्ट पर लगाया जाता है। इसे कस्टम ड्यूटी भी कहते हैं। आमतौर पर इसका बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ता है। एक तरह से टैरिफ एक प्रकार का टैक्स होता है, जो देश का सोर्स ऑफ़ इनकम होता है।
टैरिफ के प्रकार
Tariff: टैरिफ मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं:
रेसिप्रोकल टैरिफ – इसे पारस्परिक शुल्क भी कहते हैं। जब एक देश किसी अन्य देश के द्वारा लगाए गए शुल्क के जवाब में समान शुल्क लगाता है, तो इसे रेसिप्रोकल टैरिफ कहते हैं।
रिटैलिएटरी टैरिफ (Retaliatory Tariff) – इसे प्रतिशोधात्मक शुल्क भी कहा जाता है। यह तब लगाया जाता है जब कोई देश व्यापारिक जवाबी कार्रवाई (trade retaliation) के तहत दूसरे देश पर शुल्क बढ़ाता है।
उदाहरण के लिए, 2018 में अमेरिका ने स्टील और एल्युमीनियम पर ऊँचे शुल्क लगाए थे, तो इसके जवाब में भारत ने 29 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया था। मतलब की दोनों ही टैरिफ में कोई खास अंतर नहीं होता है।
Tariff: टैरिफ क्यों लगाए जाते हैं?
अब सवाल आता है की यह लगते क्यों है और इनसे क्या असर पड़ता है। तो यह टैरिफ Domestic Industry को इम्पोर्ट से बचाने, लोकल प्रोडक्ट्स और रोजगार को प्रमोट करने,विदेशी प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए लगता है। वहीँ ज़्यादा टैरिफ लगने से महंगाई बढ़ जाती है। जैसे,अगर कोई ऑटोमोबाइल कंपनी ऐसा पार्ट इम्पोर्ट करती है जो देश में नहीं बनता, तो ऊँचे टैरिफ की वजह से गाड़ियों की कीमतें बढ़ जाएंगी।
Tariff: तारीफ़ को लेकर ही हालही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहा था, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुसार, यह दावा सही नहीं है, बल्कि उनके अनुसार अमेरिका खुद कई उत्पादों पर ऊँचे टैरिफ लगाता है। जैसे: डेयरी उत्पादों पर 188%,फल-सब्जियों पर 132%,अनाज व खाद्य उत्पादों पर 193%,तिलहन और तेल पर 164%,तंबाकू पर 150%,वहीँ कॉफी, चाय, कोको और मसालों पर 53%।
क्या अमेरिकी टैरिफ WTO के नियमों के अनुसार हैं?
Tariff: विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अनुसार, भारत द्वारा लगाए गए टैरिफ नियमों के अनुरूप हैं, लेकिन अमेरिका कई मामलों में WTO के नियमों का उल्लंघन करता है। क्योकि इसके नियमो के मुताबिक सभी सदस्य देशों को एक निश्चित टैरिफ शेड्यूल प्रस्तुत करना होता है।