केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है। उनका कहना है कि वे अब दोबारा अपने फिल्मी करियर पर फोकस करना चाहते हैं।
मंत्री बनने के बाद उनकी कमाई पूरी तरह रुक गई है, जिसकी वजह से अब उन्हें अपने परिवार के लिए आर्थिक स्थिरता जरूरी लग रही है। उन्होंने कहा कि “मैं सच में फिर से अभिनय करना चाहता हूं और अपने परिवार की जरूरतों के लिए पैसे कमाना चाहता हूं।”
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कभी मंत्री बनने की इच्छा नहीं थी
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी: सुरेश गोपी ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि वे कभी मंत्री बनना नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा, “चुनाव से एक दिन पहले जब मैं पत्रकारों से बात कर रहा था, तब भी मैंने कहा था कि मुझे मंत्री नहीं बनना है।
लेकिन शायद पार्टी ने केरल से पहले चुने गए बीजेपी सांसद होने के नाते मुझे यह जिम्मेदारी दी।”
वर्तमान में गोपी केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री हैं।
“कमाई रुक गई है, परिवार मेरी आय पर निर्भर है”
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी: सुरेश गोपी ने कहा कि मंत्री बनने के बाद उनकी आय लगभग खत्म हो गई है। उन्होंने साफ कहा कि उनके बच्चे अब भी किसी ठिकाने पर स्थापित नहीं हुए हैं और परिवार के कई सदस्य उनकी कमाई पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा कि कम से कम उनमें से कुछ की मदद करने के लिए मेरी इनकम का सोर्स बंद नहीं होना चाहिए। लेकिन अभी वह लगभग पूरी तरह से बंद हो गया है।”
सी. सदानंद को मंत्री बनाने की सिफारिश की
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी: गोपी ने आगे कहा कि उन्होंने अपने पद की सिफारिश सी. सदानंद मास्टर, जो हाल ही में राज्यसभा के लिए चुने गए हैं, को देने की बात रखी है।
उनके मुताबिक, अगर सदानंद मास्टर को मंत्री बनाया जाता है, तो यह केरल के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगा।
केरल से बीजेपी के पहले लोकसभा सांसद
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी: सुरेश गोपी न केवल एक लोकप्रिय फिल्म अभिनेता हैं बल्कि केरल से बीजेपी के पहले लोकसभा सांसद भी हैं।
उन्होंने बताया कि 28 अक्टूबर 2016 को उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली थी और यह कोई सोची-समझी योजना नहीं थी बल्कि उस समय पार्टी की ओर से छह महीने के भीतर सदस्यता लेने का अनुरोध किया गया था।
जनादेश का सम्मान और व्यक्तिगत प्राथमिकता
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी: गोपी का कहना है कि मंत्री बनने का फैसला उनका व्यक्तिगत चुनाव नहीं बल्कि जनता के जनादेश का सम्मान था।
उन्होंने कहा, “शायद मुझे इसलिए मंत्री बनाया गया क्योंकि मैं जनता द्वारा चुना गया पहला बीजेपी सांसद था।
लेकिन अब मैं चाहता हूं कि पार्टी मेरी जगह किसी और को मौका दे ताकि मैं अपने निजी और पेशेवर जीवन में संतुलन बना सकूं।”
राजनीति से नहीं, जिम्मेदारियों से ब्रेक चाहते हैं गोपी
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी: सुरेश गोपी का यह बयान राजनीति छोड़ने का नहीं, बल्कि एक ब्रेक लेने का संकेत है।
वे राजनीति और जिम्मेदारियों के बोझ के बीच अपने अभिनय करियर और पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाना चाहते हैं।
उनका यह कदम दक्षिण भारत की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, जहां एक केंद्रीय मंत्री खुले तौर पर कमाई की जरूरत और परिवारिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता दे रहा है।