Thursday, April 17, 2025

Sunscreen Selection: गलत सनस्क्रीन बन सकती है स्किन की दुश्मन….. खरीदते समय इन बातों का रखें खास ध्यान

Sunscreen Selection: गर्मी के मौसम में सूरज की तेज़ किरणें हमारी त्वचा को गहराई से नुकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसे में स्किन को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल बेहद ज़रूरी हो जाता है। लेकिन बहुत से लोग बिना जानकारी के कोई भी सनस्क्रीन खरीद लेते हैं, जिससे स्किन को फायदा होने के बजाय नुकसान होने लगता है। सही सनस्क्रीन का चुनाव आपकी स्किन को सूरज से बचाने में मदद करता है, वहीं गलत विकल्प से एलर्जी, जलन और यहां तक कि स्किन कैंसर तक का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताएँगे कि आपको अपनी स्किन के मुताबिक सही सनस्क्रीन का चुनाव कैसे करना है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

SPF के चुनाव का रखें ध्यान

Sunscreen Selection: सनस्क्रीन लेते वक्त सबसे पहली चीज़ होती है SPF का चुनाव। SPF यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर (sun protection factor) यह बताता है कि आपकी स्किन को UVB किरणों से कितनी सुरक्षा मिलेगी। रोज़ाना इस्तेमाल के लिए SPF 30 से ऊपर का सनस्क्रीन लेना बेहतर माना जाता है। वहीं अगर आप धूप में ज्यादा वक्त बिताते हैं, तो SPF 50 या उससे अधिक वाला सनस्क्रीन लें ताकि आपकी स्किन को पूरी सुरक्षा मिल सके।

ब्रॉड स्पेक्ट्रम लिखा हुआ सनस्क्रीन ही लें

Sunscreen Selection: दूसरी जरूरी बात है ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन चुनना। ब्रॉड स्पेक्ट्रम वाले सनस्क्रीन UVA और UVB दोनों किरणों से आपकी त्वचा की रक्षा करते हैं। UVA किरणें स्किन की उम्र बढ़ाती हैं और UVB किरणें स्किन को जला सकती हैं। दोनों ही किरणें स्किन कैंसर का कारण बन सकती हैं, इसलिए हमेशा ब्रॉड स्पेक्ट्रम लिखा हुआ सनस्क्रीन ही लें।

अपने स्किन टाइप को समझें

इसके अलावा अपनी स्किन टाइप को समझना भी बहुत ज़रूरी है। अगर आपकी त्वचा ऑयली है तो जेल बेस्ड या वॉटर बेस्ड सनस्क्रीन आपके लिए बेहतर रहेगा। वहीं अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो क्रीम बेस्ड या मॉइस्चराइजिंग सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। सही फॉर्मूला न होने पर स्किन में ब्रेकआउट्स, खुजली या सूखापन हो सकता है।

सनस्क्रीन के इंग्रेडिएंट्स का भी रखें ध्यान

Sunscreen Selection: सनस्क्रीन के इंग्रेडिएंट्स पर भी ध्यान देना चाहिए। खासकर अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो आपको जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे मिनरल बेस्ड इंग्रेडिएंट्स वाला सनस्क्रीन लेना चाहिए। ये स्किन को शांत रखने में मदद करते हैं और जलन या एलर्जी नहीं होने देते। केमिकल बेस्ड सनस्क्रीन कुछ लोगों को सूट नहीं करते, जिससे जलन या स्किन रिएक्शन हो सकता है।

एक्सपायरी डेट चेक करें

Sunscreen Selection: सनस्क्रीन खरीदते समय उसकी एक्सपायरी डेट ज़रूर चेक करें। एक्सपायर्ड सनस्क्रीन लगाने से उसकी प्रभावशीलता खत्म हो जाती है और यह स्किन को फायदा देने की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। इससे स्किन पर रैशेस, जलन, पिगमेंटेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

गलत सनस्क्रीन चुनने के नुकसान

Sunscreen Selection: गलत सनस्क्रीन के इस्तेमाल से स्किन में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं – जैसे लाल चकत्ते, जलन, असमान त्वचा रंग और लंबे समय तक UV किरणों के संपर्क में रहने से स्किन कैंसर तक का खतरा। साथ ही, अगर क्रीम आंखों में चली जाए तो जलन हो सकती है। इसलिए अगली बार जब भी आप सनस्क्रीन खरीदने जाएं, तो इन छोटी-छोटी लेकिन अहम बातों का ध्यान ज़रूर रखें। सही सनस्क्रीन आपकी त्वचा की ढाल बन सकती है, लेकिन गलत चुनाव भारी पड़ सकता है।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article