लद्दाख के जाने-माने सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने शुक्रवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक, उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले हिरासत में लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि वांगचुक की गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत की गई है, हालांकि अभी उन्हें जेल नहीं भेजा गया है।
Table of Contents
NGO पर सरकार की बड़ी कार्रवाई
वांगचुक की संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस गुरुवार को गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिया था।
इस कदम के बाद ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर कयास तेज हो गए थे। मंत्रालय का आरोप है कि संस्था ने विदेशी चंदा लेने के नियमों का उल्लंघन किया।
लेह में भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि 24 सितंबर को लेह में बड़ा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों और बीजेपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए।
इसके बाद प्रशासन ने हालात काबू में करने के लिए सख्ती दिखाई।
‘मुझे बनाया जा रहा है बलि का बकरा’ – वांगचुक
गृह मंत्रालय द्वारा हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने पर सोनम वांगचुक ने कड़ा जवाब दिया था।
उन्होंने कहा था कि उन्हें बलि का बकरा बनाकर असली समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।
वांगचुक ने साफ कहा था कि वह जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं।
‘जेल में डालने से हालात बिगड़ेंगे’
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में वांगचुक ने कहा था, “सरकार सोचती है कि किसी को बलि का बकरा बनाकर हालात संभल जाएंगे, लेकिन यह सिर्फ चालाकी है, बुद्धिमत्ता नहीं।
युवा पहले ही निराश हैं और अगर मुझे जेल भेजा गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं।”

