Sleep after lunch: लंच के बाद नींद क्यों आती है दोपहर होते ही बहुत से लोगों को आंखों में भारीपन और सुस्ती महसूस होने लगती है।
खासकर लंच के बाद ऑफिस, घर या सफर के दौरान नींद आना आम बात मानी जाती है।
अक्सर लोग इसे आलस, ज्यादा खाना या थकान कहकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यह समस्या रोज होने लगे,
तो इसे हल्के में लेना सही नहीं है। कई बार यह शरीर के अंदर चल रही किसी गड़बड़ी का संकेत भी हो सकती है।
खाना खाने के बाद शरीर में बदलाव
खाना खाने के बाद शरीर का ध्यान पाचन प्रक्रिया पर चला जाता है। इस समय पेट और आंतों में खून का प्रवाह बढ़ जाता है, जबकि दिमाग की ओर यह थोड़ा कम हो जाता है।
इसी वजह से भारीपन, सुस्ती और नींद महसूस होती है। मेडिकल भाषा में इसे पोस्ट लंच डिप कहा जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कुछ कारणों से यह समस्या ज्यादा बढ़ सकती है।
ज्यादा कार्बोहाइड्रेट से बढ़ती है सुस्ती?
अगर लंच में चावल, आलू, सफेद ब्रेड, मैदा या ज्यादा मिठाई शामिल होती है, तो ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है।
इसके बाद जब शुगर अचानक गिरता है, तो शरीर थकान और नींद महसूस करने लगता है। यही कारण है कि भारी और मीठा खाना खाने के बाद सुस्ती ज्यादा आती है।
इसके अलावा खाना खाने के बाद शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं, जो दिमाग को आराम का संकेत देते हैं।
इससे शरीर रिलैक्स मोड में चला जाता है और नींद आने लगती है। अगर रात में नींद पूरी न हुई हो, तो यह असर और भी ज्यादा हो जाता है।
लंच के बाद रोज नींद आना किस बीमारी का संकेत?
डॉक्टरों के अनुसार, अगर रोज लंच के बाद तेज नींद, भारीपन और कमजोरी महसूस होती है, तो यह इंसुलिन रेजिस्टेंस का शुरुआती संकेत हो सकता है।
इस स्थिति में शरीर शुगर को सही तरीके से ऊर्जा में नहीं बदल पाता।
नतीजा यह होता है कि खाना खाने के बाद ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है और उसे कंट्रोल करने के लिए शरीर ज्यादा इंसुलिन रिलीज करता है।
कुछ समय बाद यही प्रक्रिया थकान, सुस्ती और नींद का कारण बनती है।
लंबे समय तक इंसुलिन रेजिस्टेंस बना रहने से डायबिटीज, दिल की बीमारी और कुछ मामलों में कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
कई बार फास्टिंग शुगर नॉर्मल होने के बावजूद यह समस्या शुरू हो जाती है, इसलिए इसे साइलेंट मेटाबॉलिक प्रॉब्लम भी कहा जाता है।
इस समस्या से कैसे बचें?
एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि लंच को हल्का और संतुलित रखें। खाने में फाइबर और प्रोटीन ज्यादा शामिल करें, जैसे दाल, सब्जियां, सलाद और दही।
ज्यादा मीठे और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से बचें।
खाना खाने के तुरंत बाद लेटने की बजाय 10–15 मिनट टहलना फायदेमंद होता है। इसके साथ ही रोजाना एक्सरसाइज, वजन कंट्रोल और पूरी नींद लेना भी जरूरी है।
इन छोटी-छोटी आदतों से लंच के बाद आने वाली नींद और सुस्ती को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

