Saturday, November 8, 2025

Sitaram Yechury के पार्थिव शरीर को परिजनों ने एम्स को दिया दान

Sitaram Yechury: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी का एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई। वो काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वहीं उनके परिजनों ने पार्थिव शरीर को एम्स अस्पताल में दान करने का फैसला लिया है। एम्स का कहना है कि येचुरी के परिवार ने शिक्षण और शोध उद्देश्यों के लिए उनका पार्थिव शरीर अस्पताल को दान कर दिया है। ऐसे में लोगों के दिमाग में यह सवाल उठता है कि दान की गई डेड बॉडी का क्या किया जाता है, तो चलिए बताते है इसके खबर के जरिए।

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Sitaram Yechury: बॉडी की होगी फॉर्मेलिन

जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके परिजन उसकी डेड बॉडी को दान करने का फैसला लेते है, जिसके बाद मेडिकल के स्टूडेंट रिसर्च के लिए बॉडी का इस्तेमाल करते है। ऐसे में पहले उस मृत व्यक्ति की बॉडी को फॉर्मेलिन के जरिए कई वैज्ञानिक प्रकियाओं से गुजारा जाता है। इसको करने के पीछे का कारण ये है कि बॉडी में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करना। फिर मृत व्यक्ति का शरीर एक लकड़ी के सामान हो जाता है और खराब नहीं होती है। फिर मेडिकल स्टूडेंट इस बॉडी के एक-एक पार्ट को स्टडी के लिए इस्तेमाल करते है।

क्या परिजनों को मिलती है बॉडी

बता दें कि बॉडी दान देने के बाद अस्पताल में पढ़ाई के दौरान वो लगातार हवा के संपर्क में आता है जिससे शरीर खराब होने लगता है। ऐसे में बॉडी को नष्ट करना जरूरी हो जाता है। इस केस में कई बार अस्पताल परिजनों को बॉडी सौंप देता है और कई बार खुद अस्पताल की ओर से बॉडी का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है और उसके बाद अस्थियां परिजनों को दे दी जाती है। वैज्ञानिक और रिसर्चर मृत शरीर का प्रयोग बीमारियों का पता लगाने, विभिन्न अंगों पर चिकित्सा स्थितियों के प्रभावों का अध्ययन करने और नए उपचार या दवाएं विकसित करने के लिए करते हैं।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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