SHRI GOKUL CHANDRA DAS: श्री गोकुल चंद्र दास, पश्चिम बंगाल के मस्लंदापुर के निवासी, भारत और दुनिया भर में धाक को एक नई पहचान दिलाने वाले अग्रणी कलाकार हैं।
वे Maslandapur Motilal Dhaki.com के संस्थापक और मुख्य प्रेरणास्रोत हैं, जो आज धाक को विश्व मंच तक पहुँचाने का कार्य कर रहा है।
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बचपन में टूटी छड़ी, सपना बना साधना
SHRI GOKUL CHANDRA DAS: 3 फरवरी 1967 को उत्तर 24 परगना जिले के मस्लंदापुर में जन्मे गोकुल दास बचपन से ही संगीत में रुचि रखते थे।
3 फरवरी 1967 को उत्तर 24 परगना जिले के मस्लंदापुर में जन्मे गोकुल दास बचपन से ही संगीत में रुचि रखते थे।
दो टूटी हुई लकड़ियों से ताल बजाते हुए उनका झुकाव ढाक की ओर हुआ।
आर्थिक कठिनाइयों के कारण 1985 में माध्यमिक परीक्षा के बाद उन्होंने केवल धाक बजाने पर ध्यान केंद्रित किया और परिवार को सहारा देने लगे।
तालों का नवाचार, धाक को मिला नया आयाम
SHRI GOKUL CHANDRA DAS: श्री दास ने ढाक में तबला, पखावज और ढोल जैसे पारंपरिक वाद्यों के तालों का समावेश किया।
हर दिन वे एक नया “ताल” विकसित करते हैं, जिससे ढाक को एक विशिष्ट और नवाचारी पहचान मिली है। उन्होंने ढाक को भारतीय शास्त्रीय और पश्चिमी संगीत दोनों में स्थापित किया है।
ढाक में महिलाओं की भागीदारी की पहल
SHRI GOKUL CHANDRA DAS: वे भारत के पहले कलाकार हैं जिन्होंने ढाक वादन को महिलाओं के लिए सुलभ बनाया।
आज अनेक विवाहित, अविवाहित और विधवा महिलाएँ ढाक बजा रही हैं और अपने परिवार के लिए रोज़गार भी अर्जित कर रही हैं।
वैश्विक मंच पर भारतीय ताल की गूंज
SHRI GOKUL CHANDRA DAS: गोकुल दास ने दुनिया के कई देशों जैसे अमेरिका, यूके, नॉर्वे, श्रीलंका, इंडोनेशिया और बांग्लादेश में अपनी प्रस्तुति दी है। उन्होंने दिग्गज कलाकारों के साथ मंच साझा किया है जिनमें शामिल हैं:
- उस्ताद ज़ाकिर हुसैन
- उस्ताद अमजद अली खान
- पंडित रवि शंकर
- अनुष्का शंकर
- डॉ. एल. सुब्रमण्यम
- शांतनु मैत्रा, कविता कृष्णमूर्ति, बिक्रम घोष इत्यादि।
मान्यता और उपलब्धियाँ
- 1987 में तबला में सीनियर डिप्लोमा किया।
- 1991 में वोकल क्लासिकल में डिप्लोमा।
- 1992 में फोक सांग में “संगीत विशारद”।
- 2004 में मिला “धाकी सम्राट” का अंतरराष्ट्रीय सम्मान।
- भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से सीनियर फेलोशिप।
- रवींद्र भारती विश्वविद्यालय में पार्ट-टाइम ट्रेनर।
“Motilal Dhaki.com” की स्थापना
SHRI GOKUL CHANDRA DAS: 3 मार्च 2013 को श्री दास ने “Maslandapur Motilal Dhaki.com” की स्थापना की, जो आज ढाक वादन को वैश्विक मंच पर पेश करने का कार्य कर रहा है।
यह संस्थान युवाओं और महिलाओं को ढाक वादन में प्रशिक्षित कर आजीविका से जोड़ रहा है।