Saturday, May 31, 2025

SHRI BHERU SINGH CHOUHAN: पद्मश्री से सम्मानित, निरगुण गायकी के जीवंत प्रतीक

SHRI BHERU SINGH CHOUHAN: श्री भेरू सिंह चौहान, मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के एक प्रख्यात कबीर निरगुण लोकगायक हैं, जो पिछले 50 वर्षों से पारंपरिक लोकसंगीत और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने में लगे हुए हैं।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

27 जुलाई 1961 को महू (मध्यप्रदेश) में जन्मे श्री चौहान ने मात्र नौ वर्ष की उम्र में निरगुण गायन की परंपरा से जुड़ाव बना लिया था।

SHRI BHERU SINGH CHOUHAN: उन्होंने संत कबीर, संत मीरा, संत दादू, संत गोरखनाथ, संत पलटूनाथ जैसे संतों की वाणी को गाँव-गाँव जाकर प्रस्तुत किया।

संगीत के लिए कठिन यात्राएं

SHRI BHERU SINGH CHOUHAN: 1978 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। उस समय न तो परिवहन के साधन थे, न ही ध्वनि उपकरण।

वे अपनी टीम के साथ साइकिल या पैदल ही गांवों में जाकर प्रस्तुति देते थे।

ऑल इंडिया रेडियो से मिली पहचान

SHRI BHERU SINGH CHOUHAN: 1989 में जब उन्होंने आकाशवाणी इंदौर पर लोकगायन प्रस्तुत किया, तो उन्हें व्यापक पहचान मिली।

इसके बाद उन्होंने कई कैसेट्स और सीडी रिकॉर्डिंग्स में भाग लिया। एक बार रिकॉर्डिंग के दौरान हुए हादसे के बावजूद उन्होंने संगीत से नाता नहीं तोड़ा।

राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक योगदान

SHRI BHERU SINGH CHOUHAN: श्री चौहान को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा चेन्नई स्थित कलाक्षेत्र प्रतिष्ठान की कार्यकारी समिति और शैक्षणिक समिति का सदस्य मनोनीत किया गया।

2019 में उन्होंने रीवा में आयोजित राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के स्थापना दिवस पर अपनी प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध किया।

सामाजिक जागरूकता का लोक माध्यम

SHRI BHERU SINGH CHOUHAN: उनकी प्रस्तुतियों ने छुआछूत, स्त्री शिक्षा, सामाजिक समानता और बालिका सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर ग्रामीण जनता को जागरूक किया है।

6000 से अधिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उन्होंने लोक परंपरा को समाज सुधार से जोड़ा है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुति

SHRI BHERU SINGH CHOUHAN: 2015-16 के राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव और 2018 के कबीर महोत्सव में सम्मानित

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में गायन

सद्भावना उत्सव (लखनऊ, 1993), कबीर भजन संध्या (प्रयागराज, 1999), कबीर उत्सव (वाराणसी, 2005), भारत पर्व (भोपाल, 2010), विश्व बैंक प्रतिनिधिमंडल के समक्ष विशेष प्रस्तुति

लोकधरोहर के रक्षक को मिला पद्मश्री सम्मान

SHRI BHERU SINGH CHOUHAN: लोकसंगीत, संत साहित्य और सामाजिक समरसता के प्रति उनकी अद्वितीय सेवा को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2024 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article