Wednesday, September 17, 2025

शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी को जन्मदिन पर दी अलग तरीके से बधाई, दोस्ती या राजनीतिक संकेत?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर देशभर से शुभकामनाओं का सिलसिला चला। लेकिन इस मौके पर टीएमसी सांसद और मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का संदेश सबसे अलग रहा।

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बिहारी बाबू ने 2013 की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “Once a friend, always a friend indeed”। उनके इस संदेश ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

दोस्ती की याद या राजनीति का संकेत?

शत्रुघ्न सिन्हा का यह पोस्ट सिर्फ दोस्ती की याद भर नहीं माना जा रहा। बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा बस कुछ ही दिनों में होने वाली है।

से में पीएम मोदी को इस अंदाज में बधाई देना कई राजनीतिक सवाल खड़े करता है।

क्या बिहारी बाबू एक बार फिर भाजपा नेतृत्व से रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, या फिर यह सिर्फ एक भावनात्मक पोस्ट था?

शत्रुघ्न सिन्हा की राजनीतिक यात्रा

अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के दौर में भाजपा से राजनीति में कदम रखने वाले शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब लोकसभा सीट से दो बार सांसद बने। लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी की दिशा बदलने लगी और धीरे-धीरे उनके रिश्ते भाजपा से बिगड़ते गए।


2019 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और पटना साहिब से चुनाव लड़ा, मगर हार का सामना करना पड़ा।

इसके बाद 2024 में वह पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से टीएमसी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे।

बिहार चुनाव और बिहारी बाबू

शत्रुघ्न सिन्हा का कर्मक्षेत्र पटना ही रहा है और वहां उनकी छवि अब भी प्रभावशाली है।

ऐसे में पीएम मोदी के साथ दोस्ती का हवाला देना बिहार चुनावों से पहले एक राजनीतिक संदेश भी हो सकता है।

खासकर तब, जब उनकी वर्तमान पार्टी टीएमसी का बिहार में कोई खास जनाधार नहीं है।

पश्चिम बंगाल की राजनीति में सीमित भूमिका

टीएमसी से सांसद बनने के बावजूद शत्रुघ्न सिन्हा की भूमिका बंगाल की राजनीति में बहुत सीमित रही है।

टीएमसी मुख्य रूप से बंगाल केंद्रित पार्टी है और केंद्र की राजनीति में भी उसकी पकड़ उतनी मजबूत नहीं रही।

ऐसे में बिहारी बाबू का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित सा दिखाई देता है। यही वजह है कि मोदी से जुड़ी पुरानी याद को ताजा करना कहीं न कहीं उनके राजनीतिक कदम का हिस्सा भी माना जा सकता है।

भविष्य की ओर इशारा

शत्रुघ्न सिन्हा का यह पोस्ट सिर्फ एक शुभकामना नहीं बल्कि 2029 के लोकसभा चुनाव की ओर भी संकेत माना जा रहा है।

राजनीति में हालात कब बदल जाएं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।

क्या आने वाले समय में शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा से फिर नजदीकी बढ़ाने की कोशिश करेंगे? क्या उनकी यह पुरानी तस्वीर भविष्य के किसी नए समीकरण की भूमिका तैयार कर रही है?

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