Shashi Tharoor: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत के साथ व्यापार को लेकर सख्त तेवर अपनाए हैं। ट्रंप ने भारत से आने वाले उत्पादों पर 25 फीसदी तक टैरिफ लगाने के संकेत दिए हैं, साथ ही रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर अतिरिक्त पेनाल्टी लगाने की संभावना भी जताई है।
इस बीच ट्रंप का पाकिस्तान के साथ ऑयल डील कर लेना भी चौंकाने वाला कदम माना जा रहा है। इन घटनाक्रमों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने इस पूरे मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
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Shashi Tharoor: थरुर का ट्रैरिफ को लेकर आया बयान
थरूर ने कहा कि अभी यह देखना बाकी है कि अमेरिका वास्तव में कितना टैरिफ लगाएगा और उसकी अंतिम नीति क्या होगी। ट्रंप द्वारा दिए जा रहे बयान केवल उनकी “बारगेनिंग टैक्टिक्स” भी हो सकती हैं, लेकिन यदि भारत पर भारी टैरिफ लगाया जाता है,
तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि 100 फीसदी तक पेनाल्टी लगाई जाती है, जैसा कि ट्रंप ने इशारा किया है, तो इससे भारत का व्यापार तंत्र पूरी तरह हिल जाएगा।
उन्होंने आगाह किया कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताएं फिलहाल जारी हैं, लेकिन अगर कोई समझौता नहीं हो पाया, तो भारत का निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका को करीब 90 अरब डॉलर का माल निर्यात करता है, और यदि इसमें कमी आती है,
तो यह हमारे उद्योगों, खासकर मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर पर सीधा असर डालेगा। यह भारत की GDP को भी डगमगा सकता है, जिससे आर्थिक अस्थिरता पैदा हो सकती है।
70 करोड़ की आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर
शशि थरूर ने अमेरिका की व्यापारिक मांगों को पूरी तरह अनुचित बताते हुए कहा कि भारत के वार्ताकारों को इन मांगों का मजबूती से विरोध करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की लगभग 70 करोड़ की आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है।
उनकी आजीविका को केवल अमेरिका को खुश करने के लिए खतरे में नहीं डाला जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को यह समझने की आवश्यकता है कि भारत के अपने सामाजिक-आर्थिक ढांचे और प्राथमिकताएं हैं,
जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। थरूर ने यह स्पष्ट किया कि भारत को केवल अपने दीर्घकालिक राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने चाहिए, न कि विदेशी दबाव में।
पाकिस्तान को लेकर ट्रंप भ्रम में
जब ट्रंप की पाकिस्तान के साथ हुई ऑयल डील के बारे में पूछा गया, तो थरूर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें लगता है ट्रंप पाकिस्तान में तेल खोजने निकले हैं, तो उन्हें खोजने दीजिए। पाकिस्तान को लेकर ट्रंप भ्रम में हैं।
उन्होंने कहा कि भारत को इस समय अपनी ऊर्जा को अपनी प्राथमिकताओं और हितों की रक्षा में लगानी चाहिए, बजाय कि अमेरिका की उलझनों में समय गंवाने के।
इस पूरे विवाद में शशि थरूर की प्रतिक्रिया भारत सरकार के लिए भी एक चेतावनी है कि विदेशी नीतिगत दबावों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए देश के अंदरूनी हितों की रक्षा की जाए।
अमेरिका के साथ व्यापार संबंध महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वह किसी भी कीमत पर नहीं हो सकते। थरूर की बातें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि भारत को आत्मनिर्भरता और रणनीतिक लचीलापन बनाए रखते हुए आगे बढ़ना होगा।