Shashi Tharoor: हाल के दिनों में कांग्रेस नेता शशि थरूर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बढ़ती नजदीकियां राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। सार्वजनिक मंच पर नेताओं के बीच गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए दृश्य अब आम हो गए हैं।
हाल के दिनों में कांग्रेस नेता शशि थरूर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बढ़ती नजदीकियां राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। सार्वजनिक मंच पर नेताओं के बीच गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए दृश्य अब आम हो गए हैं।

Shashi Tharoor: सोशल मीडिया पर भी शशि थरूर मोदी सरकार का पक्ष लेते दिख ही जाते हैं। यह सब तब हो रहा है जब दोनों अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक उत्तर है तो दूसरा दक्षिण। शशि थरूर कांग्रेस से है और पीएम मोदी बीजेपी का प्रतिविधित्व कर रहे हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख, सरकार के साथ थरूर
Shashi Tharoor: पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना के बाद विभिन्न देशों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया, ताकि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क को उजागर किया जा सके। इस प्रतिनिधिमंडल में सभी प्रमुख दलों के नेताओं को शामिल किया गया।
जब कांग्रेस से प्रतिनिधियों के नाम मांगे गए, तो शशि थरूर जैसे अनुभवी और पूर्व राजनयिक नेता का नाम पार्टी ने नहीं दिया। इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने थरूर को आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया और डेलीगेशन का हिस्सा बने।
शशि थरूर का दमदार भाषण, पाकिस्तान की खुली पोल
Shashi Tharoor: Delegation में गये शशि थरूर ने Georgetown, Guyana में मात्र 20 मिनट के भाषण में पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद भारत के लिए खतरा है और हालिया हमले में मारे गए पर्यटकों को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे हिंदू थे।
Shashi Tharoor: थरूर का यह बयान न केवल पाकिस्तान की सच्चाई को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर किया, बल्कि एक कड़ा संदेश भी दिया की भारत की एकता पक्ष-विपक्ष के मुद्दों से काफी ऊपर है।
मोदी सरकार को खुले मंच पर श्रेय
Shashi Tharoor: अपने भाषण में शशि थरूर ने कश्मीर में शांति और स्थिरता के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को खुलकर श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात पहले से बेहतर हैं और इसमें केंद्र सरकार की अहम भूमिका रही है।
कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी?
Shashi Tharoor: शशि थरूर के इस बदले हुए रुख और सरकार के पक्ष में स्पष्ट बयान कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं। थरूर का यह राष्ट्रवादी रुख उनके पार्टी के भीतर असहजता पैदा कर सकता है। पार्टी ने उन्हें प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं बनाया, फिर भी उन्होंने ना केवल भारत का गौरव बढ़ाया, बल्कि सरकार का समर्थन भी किया।
ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि शशि थरूर आने वाले समय में कांग्रेस को कोई बड़ा झटका दे सकते हैं, चाहे वह पार्टी छोड़ने के रूप में हो या विचारधारा में बदलाव के रूप में।