Friday, June 6, 2025

Sharmistha Panoli: शर्मिष्ठा को कलकत्ता हाई कोर्ट से मिली जमानत, ये रहेगी पाबंदियां

Sharmistha Panoli: सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है और साथ ही पुलिस को निर्देश दिया है कि वह उन्हें आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराए।

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Sharmistha Panoli: जांच में सहयोग करें

हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि शर्मिष्ठा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके खिलाफ दर्ज शिकायत में कोई गंभीर (संज्ञेय) अपराध उजागर नहीं होता। जमानत की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी पाया कि उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट एक तरह से ‘मेकैनिकल’ प्रकृति का था।

उसकी वैधता पर सवाल खड़ा किया जा सकता है। साथ ही, जब नोटिस भेजा गया था, उस समय शर्मिष्ठा कोलकाता में मौजूद नहीं थीं। इस पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस राजा बसु चौधरी की एकल पीठ में हुई।

कोर्ट ने निर्देश दिया कि पनोली को रिहा करते समय उनसे यह लिखवाया जाए कि वे जांच में पूरी तरह सहयोग करेंगी और अगर विदेश यात्रा करनी हो, तो पहले सीजेएम से अनुमति लेंगी।

किस विवाद में फंसीं शर्मिष्ठा?

शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी एक वायरल वीडियो के चलते हुई थी, जिसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। इस दौरान उन्होंने कथित रूप से एक विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

कुछ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल भी किया था। इस वीडियो को लेकर 15 मई को गार्डनरीच थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। हालांकि, सोशल मीडिया पर आलोचनाएं शुरू होते ही उन्होंने वह वीडियो हटा लिया और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांग ली, लेकिन इसके बावजूद उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

सियासत भी तेज़ हुई

इस गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में खूब हलचल मचाई। जहां कुछ लोग उनकी टिप्पणी को निंदनीय बता रहे थे, वहीं कई लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर उनके पक्ष में भी खड़े हुए। बंगाल पुलिस की कार्रवाई की कई नेताओं और संगठनों ने आलोचना की।

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी और बंगाल पुलिस से “न्यायपूर्ण” कार्रवाई की अपील की। उन्होंने अपने बयान में कहा कि धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल किसी खास विचारधारा को दबाने या बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने लिखा, “ईशनिंदा की निंदा होनी चाहिए, लेकिन धर्मनिरपेक्षता एक के लिए ढाल और दूसरे के लिए तलवार नहीं बननी चाहिए।”

कोर्ट से मिली जमानत

अब जबकि हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है, शर्मिष्ठा पनोली को जांच एजेंसियों का सहयोग करना होगा और कानून के दायरे में रहकर अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।

वहीं यह मामला अभी भी सोशल मीडिया पर बहस का विषय बना हुआ है, जहां लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम धार्मिक भावनाओं के मुद्दे से जोड़कर देख रहे हैं।

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Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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