Sunday, June 1, 2025

Sharmishtha Arrested: पुणे की लॉ छात्रा शर्मिष्ठा कोलकाता पुलिस की हिरासत में, इस्लाम के संस्थापक पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर छिड़ा था विवाद…..बाद में शर्मिष्ठा ने माफ़ी भी मांगी

Sharmishtha Arrested: कोलकाता पुलिस ने 30 मई 2025 को दिल्ली स्थित उसके निवास से पुणे के सिम्बायोसिस इंस्टिट्यूट की चौथे वर्ष की लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पनौली को गिरफ्तार किया।

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Sharmishtha Arrested: आरोप है कि शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद (PBUH) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की थीं। वीडियो 14 मई को पोस्ट हुआ था और वायरल होते ही भारी विवाद खड़ा हो गया।

इसके बाद शर्मिष्ठा ने वीडियो डिलीट कर माफी भी मांग ली थी, लेकिन इसके बावजूद उसे बिना किसी पूर्व नोटिस के गिरफ्तार कर लिया गया।

वीडियो और विवाद की शुरुआत

Sharmishtha Arrested: यह वीडियो एक पाकिस्तानी यूज़र द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में बनाया गया था, जिसमें भारत के सैन्य एक्शन को लेकर टिप्पणी की गई थी।

वीडियो में कथित रूप से इस्लाम और पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही गईं, जिसके बाद एक्स पर #ArrestSharmishta ट्रेंड करने लगा और सोशल मीडिया पर उन्हें जान से मारने और बलात्कार की धमकियाँ मिलने लगीं।

विडंबना देखिये पाकिस्तान जो हमारा दुश्मन है, उसके सवाल पर एक लड़की ने जब आवाज उठायी तो उसके ही देश के लोगों को ये बात रास नहीं आयी, और खुद को तथाकथित पाक बताने वाले ये लोग एक बच्चो को बलात्कार करने की मारने की धमकियां देने लगे।

शर्मिष्ठा की माफी और फिर भी गिरफ्तारी

Sharmishtha Arrested: शर्मिष्ठा ने 15 मई को सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए लिखा था कि “मैं बिना शर्त माफी मांगती हूँ। मेरी कही गई बातों से किसी को ठेस पहुँची हो तो मैं क्षमा चाहती हूँ। यह मेरी व्यक्तिगत सोच थी, किसी को आहत करने का मेरा कोई इरादा नहीं था।”

फिर भी, 30 मई को कोलकाता पुलिस ने दिल्ली में बिना नोटिस दिए उन्हें गिरफ्तार किया। दिल्ली की मजिस्ट्रेट अदालत ने उसी दिन रात को ट्रांजिट रिमांड जारी कर दिया, जिससे उन्हें 31 मई को कोलकाता ले जाया जा सका।

गिरफ्तारी की वैधता पर सवाल

Sharmishtha Arrested: कई लीगल विशेषज्ञों और समर्थकों ने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किसी को बिना गिरफ्तारी कारण बताए नहीं पकड़ा जा सकता।

दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस तरह की कार्रवाइयों को लेकर पहले सख्त रुख अपनाया है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट की उस मिसाल से जोड़ा जा रहा है जहाँ 2024 में गुजरात पुलिस और मजिस्ट्रेट को कोर्ट के आदेश की अवहेलना के लिए दोषी पाया गया था।

टीम राइजिंग फाल्कन और इस्लामी संगठनों की भूमिका

‘Sharmishtha Arrested: टीम राइजिंग फाल्कन’ नामक संगठन ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की जोरदार माँग की थी। उनके अनुसार यह गिरफ्तारी न्याय की जीत है।

वहीं कई हिंदुत्व समर्थक हैंडल्स जैसे @VigilntHindutva और @devdebunks का कहना है कि यह राष्ट्रवादी आवाज़ों को दबाने की साज़िश है।

राजनीतिक हस्तक्षेप और वारिस पठान की भूमिका

Sharmishtha Arrested: AIMIM नेता वारिस पठान द्वारा शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की सार्वजनिक माँग करने से मामला और राजनीतिक हो गया है। कई यूज़र्स उन्हें इस गिरफ्तारी का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

धार्मिक भावना, सोशल मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का टकराव

Sharmishtha Arrested: यह मामला भारत में धार्मिक संवेदनशीलता और अभिव्यक्ति की आज़ादी के बीच बढ़ते तनाव को उजागर करता है।

शर्मिष्ठा के समर्थकों का कहना है कि उनका बयान पाकिस्तानी ट्रोल के उकसावे में आया था और उन्होंने माफी भी मांग ली थी, ऐसे में गिरफ्तारी की ज़रूरत नहीं थी। लेकिन वहीँ उनकी भाषा जिस तरह से उन्होनें जवाब दिया वो तरीका भी गलत था।

भारतीय कानून में ईशनिंदा और धारा 295A

Sharmishtha Arrested: भारत में अलग से कोई ‘blasphemy law’ नहीं है, लेकिन IPC की धारा 295A (अब BNS में धारा 299) का प्रयोग अक्सर ईशनिंदा मामलों में होता है।

इसमें किसी धर्म की भावनाएं जानबूझकर आहत करने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने 1957 के Ramji Lal Modi बनाम यूपी राज्य मामले में इस धारा को संविधान सम्मत माना था।

नूपुर शर्मा और यति नरसिंहानंद के केस से तुलना

Sharmishtha Arrested: इस मामले को नूपुर शर्मा और यति नरसिंहानंद के मामलों से जोड़कर देखा जा रहा है। 2022 में नूपुर शर्मा के एक टीवी डिबेट में दिए बयान पर भी भारी विवाद हुआ था, जिसमें मोहम्मद ज़ुबैर द्वारा वीडियो शेयर किए जाने के बाद मामले ने तूल पकड़ा था।

इस विवाद के चलते देशभर में हिंसा हुई थी, जिसमें उदयपुर के कन्हैयालाल की निर्मम हत्या भी हुई थी।

यति नरसिंहानंद के खिलाफ भी इस्लाम के खिलाफ बयान देने पर कई बार केस दर्ज हुए हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई अक्सर धीमी रहती है।

क्या आगे होगा?

Sharmishtha Arrested: शर्मिष्ठा को 31 मई को कोलकाता कोर्ट में पेश किया जाएगा। उनका कानूनी दल गिरफ्तारी को चुनौती देने की योजना बना रहा है।

सोशल मीडिया पर मामला अभी भी ट्रेंड कर रहा है, जहाँ #ReleaseSharmishta और #ArrestSharmishta जैसे हैशटैग्स बहस को और बढ़ा रहे हैं।

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