सीनेट की नाकामी: अमेरिका में मंगलवार शाम को सीनेट की बैठक बिना किसी वित्तीय प्रस्ताव को पास किए ही स्थगित हो गई। इसका मतलब है कि अब संघीय सरकार का शटडाउन लगभग तय माना जा रहा है।
बुधवार तक दोबारा बैठक की कोई योजना नहीं है और आधी रात तक की तय सीमा भी निकल गई। इस वजह से सरकारी कामकाज को जारी रखने के लिए जरूरी फंडिंग रुक गई है।
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सीनेट की नाकामी: लाखों सरकारी कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर वेतन नहीं
सरकारी शटडाउन का सबसे बड़ा असर नॉन-एसेंशियल कामों पर पड़ेगा। इन सेवाओं को रोक दिया जाएगा और लाखों सरकारी कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर वेतन नहीं मिलेगा।
यहां तक कि सामाजिक सुरक्षा से जुड़े काम और अन्य लाभ वितरण भी प्रभावित हो सकते हैं। इससे आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
7,50,000 फेडरल कर्मचारियों को इस फैसले का सामना
एसेंशियल सेवाओं से जुड़े कर्मचारी जैसे सेना के जवान, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स या मेडिकल स्टाफ अपनी ड्यूटी करते रहेंगे।
लेकिन उन्हें भी शटडाउन खत्म होने तक वेतन नहीं दिया जाएगा। दूसरी ओर, नॉन-एसेंशियल कर्मचारी फर्लो पर भेज दिए जाएंगे यानी उन्हें अस्थायी रूप से घर पर बैठना पड़ेगा।
कांग्रेस बजट ऑफिस (CBO) का अनुमान है कि करीब 7,50,000 फेडरल कर्मचारियों को इस फैसले का सामना करना पड़ेगा।
कई फेडरल कर्मचारियों को स्थायी रूप से हटाने पर विचार
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पूरे मामले पर अपनी राय देते हुए कहा कि शटडाउन की स्थिति में उनकी सरकार कई फेडरल कर्मचारियों को स्थायी रूप से हटाने पर भी विचार कर सकती है।
हालांकि, आम तौर पर नॉन-एसेंशियल कर्मचारियों को फर्लो पर भेजा जाता है और जब शटडाउन खत्म हो जाता है तो उन्हें पिछला सारा बकाया वेतन दे दिया जाता है।
कानून के अनुसार, फंडिंग बंद होने की स्थिति में केवल वही कर्मचारी काम करते रहेंगे जिन्हें ‘एक्सेप्टेड’ श्रेणी में रखा गया है। इसमें जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से जुड़े काम शामिल होते हैं।
जैसे अस्पतालों में इलाज की सुविधा, सीमा सुरक्षा, कानून व्यवस्था, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और सोशल सिक्योरिटी व मेडिकेयर चेक जैसी सेवाएं।
इसका मतलब है कि जरूरी सेवाएं चलती रहेंगी लेकिन बाकी सरकारी दफ्तरों पर ताला लग जाएगा।
बिल के पक्ष में 55 वोट मिले और 45 वोट
सीनेट में इस मुद्दे पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच जोरदार विवाद देखने को मिला। सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी ने एक अस्थायी बिल पेश किया था,
जिसके तहत सरकार को 21 नवंबर तक फंड उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया। लेकिन देर रात तक चली बहस के बाद यह बिल पास नहीं हो सका।
100 सदस्यीय सीनेट में इसे पास कराने के लिए कम से कम 60 वोट चाहिए थे, लेकिन बिल के पक्ष में 55 वोट मिले और 45 वोट इसके खिलाफ गए।
इस वजह से यह प्रस्ताव गिर गया और अब सरकारी शटडाउन की स्थिति पैदा हो गई है।
यह स्थिति अमेरिका के लाखों सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों के लिए चिंता की बात है। जरूरी सेवाएं भले ही चलती रहेंगी,
लेकिन बाकी कामकाज रुकने से आर्थिक और सामाजिक परेशानियां बढ़ेंगी। फिलहाल सभी की नजर इस पर है कि आखिर सीनेट कब कोई नया समाधान निकालती है और कब तक यह शटडाउन जारी रहेगा।