भारत ने आज सेमीकंडक्टर चिप विक्रम 32 लॉन्च कर वैश्विक तकनीकी क्षेत्र में नया अध्याय लिख दिया।
दशकों तक देश को इस क्षेत्र में पिछड़ा बनाए रखने की जो कोशिशें की गई थीं, उनसे अब मुक्ति मिल चुकी है। यह शुरुआत है, पर भविष्य बेहद उज्ज्वल नजर आ रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि एक-दो साल में चमत्कारिक उपलब्धियां संभव नहीं, लेकिन भारत की मौजूदा क्षमता को देखते हुए अगले दशक में देश वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर सकता है। लॉन्च के साथ ही कुछ अन्य चिप भी प्रस्तुत किए गए हैं, जिनका उत्पादन जल्द शुरू होगा।
भारत के प्लांट और बाधाओं का इतिहास
सेमीकंडक्टर क्षेत्र के बिना आज की दुनिया की कल्पना अधूरी है, परंतु भारत में पहले से स्थापित प्लांट को साजिशन बंद करा दिया गया था।
सवाल यह है कि आखिर ऐसा किसके दबाव में हुआ, यह रहस्य अब तक कायम है। बावजूद इसके, देर से सही पर भारत ने अब सही राह पकड़ ली है।
वर्क फोर्स और भविष्य की संभावनाएं
लोगों में यह चिंता अक्सर उठती है कि क्या भारतीय युवा इतना प्रशिक्षित है कि वह इस उद्योग की जिम्मेदारी उठा पाएगा। जानकारों का मानना है कि यह आशंका निरर्थक है।
उत्पादन क्षेत्र में वर्क फोर्स को केवल तयशुदा ढर्रे पर काम करना होता है, जबकि असली प्रतिभा रिसर्च और इनोवेशन के लिए चाहिए।
भारत के पास पहले से ही ऐसा प्रतिभाशाली वर्क फोर्स मौजूद है, जो शोध और नवाचार में योगदान देने को तैयार है।
इसलिए यह विश्वास जताया जा रहा है कि आने वाला समय निश्चित रूप से भारत का होगा और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत एक नई ताकत के रूप में उभरेगा।