Thursday, September 11, 2025

सेकुलरिज़्म या दोगलापन: क्यों अली गोनी ने गणपति बाप्पा मोरया बोलने से कर दिया मना

सेकुलरिज़्म या दोगलापन: टीवी एक्टर अली गोनी हाल ही में गणपति पूजा विवाद को लेकर सुर्खियों में आ गए।

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अंकिता लोखंडे के घर आयोजित गणपति पूजा में जब सभी कलाकार ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारे लगा रहे थे, तब उनकी गर्लफ्रेंड जैस्मीन भसीन भी पूरे उत्साह से बोलती नजर आईं।

लेकिन पास खड़े अली गोनी चुप रहे और उनके चेहरे से न तो श्रद्धा झलकी, न ही सम्मान।

आलोचना पर सफाई और धमकी

सेकुलरिज़्म या दोगलापन: जब वीडियो वायरल हुआ तो अली गोनी पर सवाल उठे। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मेरे मजहब में पूजा करने की इजाजत नहीं है।

कुरान में भी यह लिखा है। मैं मुस्लिम होने के कारण टारगेट किया जा रहा हूँ।”

लेकिन सफाई तक सीमित न रहकर उन्होंने आलोचकों को धमकी तक दे डाली, “मेरे सामने कोई गाली देकर देखे, मैं उसका गला काट दूँगा और पैर काटकर हाथ में दे दूँगा।”

क्या उनका यह बयान इस्लामी कट्टरपंथ की झलक नहीं दिखाता?

‘सेकुलर’ छवि दिखाने की कोशिश

सेकुलरिज़्म या दोगलापन: एक पॉडकास्ट में अली गोनी ने कहा कि उनके दिल में हर धर्म के लिए प्यार है, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि “इस्लाम में पूजा करने की इजाजत नहीं है।” ]

यानी बात चाहे कितनी भी ‘सेकुलर’ लगे, असलियत वही मजहबी कट्टर सोच झलकाती है।

अबाया विवाद और दोहरा रवैया

सेकुलरिज़्म या दोगलापन: विवाद के बीच अली गोनी का एक पुराना वीडियो फिर चर्चा में आ गया।

इसमें उनकी गर्लफ्रेंड जैस्मीन भसीन अबु धाबी के शेख ज़ायद मस्जिद में अबाया पहने नजर आती हैं।

खुद गोनी ने कहा कि मस्जिद के नियम के अनुसार अबाया पहनना ज़रूरी था, इसलिए जैस्मीन को पहनना पड़ा।

सवाल यह उठता है कि जब इस्लाम के सम्मान में एक सिख लड़की मस्जिद का नियम मान सकती है, तो अली गोनी गणपति पूजा में एक बार “गणपति बप्पा मोरया” क्यों नहीं बोल पाए?

असली सेकुलरिज़्म या दोगलापन?

सेकुलरिज़्म या दोगलापन: जैस्मीन भसीन, जो सिख हैं, आसानी से गणपति का जयकारा भी लगा लेती हैं और मस्जिद में अबाया भी पहन लेती हैं।

लेकिन अली गोनी के लिए सेकुलरिज्म का मतलब सिर्फ इतना है कि गैर-मुस्लिम इस्लामी रवायतें कबूल करें।

जब उनसे वही अपेक्षा की जाए, तो वे खुद को पीड़ित दिखाते हैं और सवाल उठाने वालों को जान से मारने की धमकी देते हैं।

यानी अली गोनी का तथाकथित ‘सेकुलरिज़्म’ एक दोगलापन है, जहाँ हिंदू परंपराओं का सम्मान करना बोझ लगता है, लेकिन इस्लामी नियमों को दूसरों से मानने की उम्मीद की जाती है।

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