Monday, October 20, 2025

साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान: ‘लव जिहाद’ और बेटी पालन पर छिड़ी नई बहस

साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान: भोपाल से पूर्व सांसद और बीजेपी की विवादित नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने लव जिहाद और बेटी पालन को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसने पूरे देश में बहस छेड़ दी है।

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साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि अगर कोई लड़की माता-पिता की बात नहीं मानती और किसी दूसरे धर्म के युवक के साथ जाने की कोशिश करती है, तो परिवार को उसे सख्ती से रोकना चाहिए। उन्होंने यहां तक कह दिया — “अगर आवश्यक हो तो उसे डांटो, और अगर न माने तो उसकी टांगें तोड़ दो। उसके भविष्य के लिए अगर पीटना पड़े, तो पीछे मत हटना।”

“माता-पिता खुद रखें बेटियों पर नज़र” — साध्वी की नसीहत

साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान: साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयान में कहा कि जब बेटियाँ बड़ी होती हैं, तो वे अपने निर्णय खुद लेने लगती हैं और कई बार घर से भागने जैसी हरकतें भी करती हैं। ऐसे में, माता-पिता को उन्हें सही रास्ते पर बनाए रखने के लिए “सख्त निर्णय” लेने चाहिए। उनके मुताबिक, “बेटियों की सुरक्षा और संस्कार माता-पिता की जिम्मेदारी हैं, इसलिए ज़रूरत पड़े तो डांटना या रोकना भी गलत नहीं है।”

सोशल मीडिया पर उफान — महिला अधिकार बनाम पारिवारिक संस्कार

एक तरफ, महिला अधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला बताया है। आलोचकों का कहना है कि बेटियों पर हिंसा या डर का इस्तेमाल किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकता। वहीं, समर्थक इसे “संस्कार और पारिवारिक नियंत्रण” के पक्ष में बयान मान रहे हैं। उनके अनुसार, आज के समय में पारिवारिक अनुशासन और संस्कृति की रक्षा करना जरूरी है।

राजनीतिक हलकों में भी गूंज — क्या चुनावी रणनीति का हिस्सा?

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के ऐसे बयान अक्सर मीडिया और जनता का ध्यान खींचते हैं। यह बयान भोपाल तक सीमित नहीं रहा — अब यह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान चुनावी माहौल को प्रभावित करने और कुछ खास मतदाताओं को साधने के उद्देश्य से भी दिए जाते हैं।

महिला संगठनों ने जताया विरोध — “कानूनी और नैतिक रूप से अस्वीकार्य”

साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान: कई महिला अधिकार संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों ने साध्वी प्रज्ञा के बयान की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि किसी लड़की को उसकी इच्छा के विरुद्ध रोकना या उस पर शारीरिक दबाव बनाना संविधान और मानवाधिकार दोनों के खिलाफ है। कुछ ने तो यह भी कहा कि ऐसे बयान समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा को बढ़ावा देते हैं।

साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान: लव जिहाद और परिवार नियंत्रण की पुरानी बहस फिर हुई ताज़ा

यह विवाद सिर्फ एक बयान तक सीमित नहीं रहा। एक बार फिर समाज में ‘लव जिहाद’, धर्म परिवर्तन, और पारिवारिक अधिकार बनाम व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसे मुद्दे चर्चा में हैं। कई लोगों का कहना है कि इस तरह के बयानों से सामाजिक तनाव बढ़ता है, जबकि कुछ इसे पारंपरिक मूल्यों की रक्षा के रूप में देख रहे हैं।

देशभर में गरमाई बहस — संस्कृति, स्वतंत्रता और राजनीति का संगम

साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान: साध्वी प्रज्ञा का यह बयान अब सिर्फ भोपाल या मध्य प्रदेश का मुद्दा नहीं रहा। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह देशव्यापी बहस बन चुका है — जिसमें महिला अधिकार, पारिवारिक संस्कार, धार्मिक पहचान और राजनीतिक हित सब कुछ शामिल हो गया है। आने वाले दिनों में इस बयान के कानूनी और राजनीतिक असर भी देखने को मिल सकते हैं।

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