Bangladesh: ये वहीं बांग्लादेश है जिसने तख्ता पलट के लिए सैंकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। शेख हसीना को गद्दी से हटाने के लिए हजारों लोग सड़कों पर उतर आएं थे। एक बार फिर लोग सड़कों पर राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग को लेकर उतर आएं है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को पद छोड़ने के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया है।
Bangladesh: शेख हसीना के इस्तीफे का नहीं है डॉक्यूमेंट
बता दें कि बांग्लादेश के एक मीडिया को इंटरव्यू देते हुए राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने कहा था कि उनके पास शेख हसीना के देश छोड़कर भागने से पहले इस्तीफा देना का कोई भी डॉक्यूमेंट मौजूद नहीं है। शहाबुद्दीन ने कहा, शायद हसीना पास समय नहीं था।’ राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट की राय भी मांगी थी। ऐसा ही दावा शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अगस्त में किया था। सजीब ने कहा था कि उनकी मां ने इस्तीफा नहीं दिया है और वह अभी भी देश की प्रधानमंत्री हैं। ऐसे में एक बार फिर बांगलादेश में राजनीतिक उबाल देखने को मिल रहा है।
संवैधानिक रूप से अब भी पीएम है हसीना
राष्ट्रपति ने पूर्व पीएम शेख हसीना के इस्तीफे को लेकर जो खुलासा किया है, उसका आशय यह है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार अंसवैधानिक है। राष्ट्रपति ने मीडिया से कहा था कि उनके पास शेख हसीना के इस्तीफा दिए जाने का कोई दस्तावेज नहीं है। इसका अर्थ हुआ कि संवैधानिक रूप से शेख हसीना अब भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री है। हैरानी नहीं कि मंगलवार रात से राष्ट्रपति भवन की घेराबंदी कर बैठे छात्र संविधान बदलने की भी मांग कर रहे। छात्रों को रोकने के लिए की गई गोलीबारी में दो छात्रों के घायल होने के बाद भर्ती कराया गया है।