हरियाणा में राष्ट्रीय स्तर के पैरा एथलीट और बॉडी बिल्डर रोहित धनखड़ की दबंगों द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या ने पूरे प्रदेश को गुस्से और दुख से भर दिया है।
26 साल के रोहित न सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी थे, बल्कि एक ऐसा इंसान भी थे जो गलत के ख़िलाफ खड़े होने से नहीं डरते थे।
परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि रोहित ने भिवानी में एक शादी समारोह में महिलाओं की इज्जत बचाने के लिए आवाज उठाई थी और इसी हिम्मत का उसे दर्दनाक नतीजा भुगतना पड़ा।
उनका दावा है कि यह कोई अचानक हुई झड़प नहीं, बल्कि पूरी तरह प्लान्ड मर्डर था।
हरियाणा: 2 गोल्ड मेडल जीते
रोहित धनखड़ रोहतक जिले के हुमायूंपुर गांव के रहने वाले थे और जिमखाना क्लब रोहतक में लोगों को ट्रेनिंग देते थे।
दाहिने पैर में दिव्यांगता होने के बावजूद रोहित ने कभी अपनी कमजोरी को अपनी राह में नहीं आने दिया।
2018 में पैरा ओलंपिक कमेटी ऑफ इंडिया की नेशनल पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में उन्होंने दो गोल्ड मेडल जीतकर पूरे इलाके का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया था।
उनकी उपलब्धि देखकर उसी साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सम्मानित भी किया था।
परिवार कहता है कि रोहित बचपन से ही बेहद मेहनती और सीधी सोच वाले इंसान थे, जो हर किसी की मदद को आगे रहते थे।
शुक्रवार की रात रोहित अपने दोस्त जतिन के साथ जतिन के रिश्तेदार की शादी में “शगुन” देने भिवानी गए थे। शादी समारोह में देर रात तिगड़ाना गांव की एक बारात पहुंची।
बारातियों में शामिल कुछ लोगों ने वहां मौजूद महिलाओं के साथ बदतमीजी और छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। यह देखकर रोहित ने तुरंत उन लोगों को चेतावनी दी और महिला मेहमानों को बचाया।
थोड़ी बहस हुई, माहौल गरम भी हुआ, लेकिन उन लोगों को समझकर किसी तरह अलग कर दिया गया। हालाँकि उसी वक्त यह साफ दिख रहा था कि वे रोहित से नाराज़ होकर बदला लेने की भावना रख रहे थे।
20 दंबगों ने किया हमला
शादी खत्म होने के बाद जब रोहित और जतिन घर लौटने लगे, तो उनकी कार एक रेलवे क्रॉसिंग पर गेट बंद मिलने के कारण रुक गई। रात का वक्त था और सड़क पर ज्यादा आवाजाही भी नहीं थी।
इसी बीच अचानक करीब 20 हथियारबंद दबंग वहाँ पहुँच गए। वे लाठी, डंडे, रॉड और धारदार हथियारों से लैस थे।
उन्होंने रोहित और जतिन की कार को घेर लिया। जतिन किसी तरह कार से निकलकर अंधेरे में भाग गया, लेकिन रोहित को दबंगों ने पकड़ लिया और बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया।
एक भी हिस्सा ऐसा नहीं था जहाँ चोट के निशान न हों
परिवार के अनुसार रोहित के शरीर का एक भी हिस्सा ऐसा नहीं था जहाँ चोट के निशान न हों। हमलावरों ने उनके सिर, पीठ, पैरों और छाती पर लगातार वार किए।
जब आरोपियों को लगा कि रोहित बेहोश हो चुके हैं, तब वे मौके से फरार हो गए। कुछ समय बाद जतिन मदद लेकर लौटा और रोहित को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया।
हालत ज्यादा गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें PGIMS रोहतक रेफर किया। डॉक्टरों ने रातभर कोशिश की, लेकिन रोहित ने शनिवार सुबह दम तोड़ दिया।
पुलिस ने अस्पताल पहुँचकर परिवार से शिकायत ली और पोस्टमॉर्टम कराया। मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
रोहित के जीजा रवि खासा और चाचा सतीश धनखड़ ने कहा कि रोहित ने महिलाओं की इज्जत बचाने के लिए आवाज उठाई थी और उसी साहस की वजह से उसे मौत मिली।
परिवार आरोपियों की कड़ी से कड़ी सज़ा की मांग कर रहा है ताकि भविष्य में कोई भी दबंग इस तरह किसी की जान लेने की हिम्मत न कर सके।
यह घटना न सिर्फ एक खिलाड़ी की मौत है, बल्कि समाज में बढ़ती गुंडागर्दी और महिला सुरक्षा की बड़ी चिंता को भी सामने रखती है। पुलिस पर अब तेजी से कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है।

