Saturday, December 6, 2025

ठंड क्यों लगती है ज़्यादा? कौन-सी कमी देती है संकेत और आयुर्वेद क्या बताता है

सर्दियों में ठंड महसूस होना सामान्य है, लेकिन जब कोई व्यक्ति हमेशा दूसरों के मुकाबले ज्यादा ठंड महसूस करता है, हाथ-पैर बर्फ जैसे रहते हैं या हल्की हवा में भी कंपकंपी होने लगती है, तो यह सिर्फ कमजोरी की वजह से नहीं होता।

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आयुर्वेदिक डॉक्टर बताते हैं कि ऐसे मामलों में शरीर किसी जरूरी न्यूट्रिएंट की कमी का संकेत देता है। ठंड अधिक लगना शरीर के तापमान को नियंत्रित करने वाली प्रक्रियाओं पर असर डालने वाली कुछ खास कमियों के कारण भी होता है।

आयरन की कमी: सबसे आम कारण

आयरन वह मिनरल है जो हीमोग्लोबिन बनाने में मुख्य भूमिका निभाता है। हीमोग्लोबिन खून के जरिए शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।

लेकिन जब शरीर में आयरन कम होता है, तो ऑक्सीजन की सप्लाई भी कम हो जाती है और मेटाबॉलिज्म धीरे काम करने लगता है।

इसी वजह से शरीर कम गर्मी पैदा कर पाता है और व्यक्ति को सामान्य तापमान में भी ज्यादा ठंड लगती है।

आयरन की कमी के साथ-साथ थकान, चक्कर आना और सांस फूलना भी अक्सर दिखाई देता है।

आयरन की कमी में क्या करें?

आहार में आयरन से भरपूर चीजें शामिल करना सबसे जरूरी है। पालक, चना, गुड़, खजूर, राजमा और बीटरूट रोज़ की डाइट में शामिल किए जा सकते हैं।

आयरन को अवशोषित करने के लिए विटामिन C का सेवन भी आवश्यक है, इसलिए नींबू, आंवला या संतरा आयरन वाली चीजों के साथ लेना फायदेमंद होता है।

विटामिन B12 की कमी: शरीर की हीट बनाना हो जाता है मुश्किल

विटामिन B12 शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जब B12 की कमी होती है, तो शरीर की गर्मी उत्पन्न करने की क्षमता घट जाती है।

ऐसे व्यक्तियों में हाथ-पैर हमेशा ठंडे रहना, शरीर में झनझनाहट, याददाश्त कमजोर होना और लगातार थकान महसूस होना आम माना जाता है। यह कमी लंबे समय में नर्व सिस्टम को भी प्रभावित कर सकती है।

कैसे बढ़ाएं शरीर की प्राकृतिक गर्मी?

आयुर्वेद के अनुसार, कुछ साधारण परिवर्तन रोज़मर्रा के जीवन में अपनाने से शरीर की प्राकृतिक गर्मी वापस लाई जा सकती है।

गुनगुना पानी रखें रूटीन में: दिन में दो से तीन बार गुनगुना पानी पीने से मेटाबॉलिज्म एक्टिव होता है और शरीर में गर्माहट बनी रहती है।

डाइट में गर्म तासीर वाले फूड्स: अदरक, दालचीनी, काली मिर्च, गुड़, तिल और मूंगफली जैसी चीज़ें शरीर को अंदर से गर्म रखती हैं। इनका सेवन सर्दियों में विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।

नियमित व्यायाम: हल्का व्यायाम, वॉक या योग शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ाता है और प्राकृतिक गर्मी बनाए रखने में मदद करता है।

तेल से मालिश: सरसों या तिल के तेल से मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे शरीर का तापमान स्वाभाविक रूप से बढ़ता है।

अगर आपको हमेशा ज्यादा ठंड लगती है तो इसे सिर्फ आदत या कमजोरी न समझें।

आयरन और विटामिन B12 जैसी कमियां इसके मूल कारण हो सकती हैं।

सही डाइट, आयुर्वेदिक उपाय और सक्रिय रूटीन की मदद से शरीर की गरमाहट वापस पाई जा सकती है और ठंड से होने वाली असहजता कम की जा सकती है।

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