Ramanand Sagar Ramayan: रामानंद सागर द्वारा निर्मित ‘रामायण’ आज भी भारतीय टेलीविज़न का सबसे ऐतिहासिक शो माना जाता है।
1987 में प्रसारित इस सीरियल को 12 भाषाओं में डब किया गया और 53 देशों में टेलीकास्ट किया गया था।
इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि जब इसे कोरोना लॉकडाउन के दौरान फिर से दिखाया गया, तब भी इसने सारे टीआरपी रिकॉर्ड तोड़ दिए।
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जब रामायण के प्रसारण पर रुक गई जिंदगी
Ramanand Sagar Ramayan: रामायण का टेलीकास्ट हर रविवार सुबह 9:30 बजे होता था और उस समय पूरे देश की रफ्तार थम जाती थी।
लोग इसे देखने के लिए अपने सारे काम रोक देते थे।
Sagar World की रिपोर्ट के अनुसार, उस समय सड़कों पर सन्नाटा छा जाता था और लोग रविवार को “रामायण दिवस” कहने लगे थे।
चंडीगढ़ की एक घटना में दुल्हन ने अपनी शादी एक घंटे के लिए रोक दी थी क्योंकि वह एपिसोड मिस नहीं करना चाहती थी।
मुजफ्फरनगर में अंतिम संस्कार की शवयात्रा एक घंटे देरी से इसलिए निकाली गई ताकि शोक में शामिल लोग रामायण का एपिसोड देख सकें।
पाकिस्तान के लाहौर और अफ्रीका जैसे देशों में भी इस शो को काफी सराहा गया था।
कोमा, बिजलीघर पर हमला और राष्ट्रपति भवन तक में देरी
Ramanand Sagar Ramayan: रामायण की लोकप्रियता का आलम यह था कि जब शो के दौरान जम्मू-कश्मीर में बिजली चली गई, तो नाराज़ लोगों ने बिजलीघर पर ही हमला कर दिया।
महाराष्ट्र के सतारा में एक दुल्हन शो देखने में इतनी व्यस्त थी कि शादी में देर से पहुँची।
यही नहीं, राष्ट्रपति भवन में हो रहे शपथ समारोह में दो मंत्री भी शो देखने के कारण देर से पहुँचे।
Ramanand Sagar Ramayan: सबसे चौंकाने वाली घटना तब हुई जब शो में लक्ष्मण जी के मूर्छित होने वाला सीन दिखाया गया।
उस वक्त एक व्यापारी भावनात्मक रूप से इतना व्यथित हो गया कि कोमा में चला गया।
Ramanand Sagar Ramayan: रामानंद सागर की टीम को 24 घंटे के भीतर एक नया सीन शूट करना पड़ा, जिसमें लक्ष्मण जी को जीवित दिखाया गया।
उस दृश्य को देखने के बाद वो व्यापारी होश में आ गया और पूरी तरह ठीक हो गया
ये शो वास्तव में अपने समय पर लोकप्रिय रहा। आज इतने सालों बाद भी इस शो के चर्चे थमे नहीं है। इस शो में काम करने वाले कलाकार आज भी लोगों कि दिलों में राज करते हैं।