“Rajyamata”: क्या आपको पता हैं भारत में अब एक राज्य ऐसा भी हैं जहां अब गाय को “राज्यमाता”का दर्जा दिया हैं। यह गौवंश को अहमियत दिलाने के लिए एक बड़ा कदम हैं। आइये जानते हैं सरकार के इस कदम से गौवंश को क्या फायदा होगा।
हिन्दू धर्म में गाय को “मां” का दर्जा दिया जाता हैं। गाय में 33 कोटी देवी-देवताओं का निवास माना जाता हैं। हिन्दू धर्म में गाय को काफी महत्व दिया जाता हैं। किसी भी धार्मिक कार्य में पूजा के बाद जब भोजन पकाया जाता है तो उसका पहला भोग गाय को लगाया जाता हैं। लेकिन देश में कई से लोग ऐसे भी हैं जो इसका इस्तेमाल करने के बाद इसे सड़कों पर छोड़ जाते हैं।
जब तक गाय दूध देती रहे तब तक तो सब ठीक हैं लेकिन जैसे ही गाय ने दूध देना बंद कर दिया उसे बाहर मरने के लिए छोड़ देते हैं। इसके बाद कुछ लोग इन गायों की तस्करी करते हैं, और कई बार गाय रोड एक्सीडेंट्स का भी शिकार हो जाती हैं। इस ही के चलते भारत के एक राज्ज्य ने गौवंश को लेकर बड़ा कदम उठाया है।
महाराष्ट्र में गाय बनी “राज्यमाता”
Rajyamata: महाराष्ट्र सरकार ने गायों के लिए बेहद महत्वपूर्ण फैसला लिया हैं। अब वहां देसी गाय को “राज्यमाता” का दर्जा दे दिया गया हैं। गाय का हमारी संस्कृति में बहुत महत्व हैं। इतना ही नहीं गाय से हमें कई से लाभ मिलते हैं जैसे दूध, आयुर्वेदिक दवाइयां, पंचगव्य उपचार पद्धति और खेती में भी गाय का गोबर फ़र्टिलाइज़र की तरह काम करता हैं। देशी गाय के गोबर और गोमूत्र के महत्व भी अधिक होता हैं। यही सब देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने ये फैसला लिया है। अब महाराष्ट्र सरकार गौवंश को सब्सिडी देगी।
गौ पलायन के लिए मिलेगी सब्सिडी
गाय को राज्यमाता घोषित करने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ऑफिस से आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर दिए गए हैं। अब से देसी गायों के पालन के लिए 50 रुपए प्रतिदिन की सब्सिडी योजनाके तहत दिए जायेंगे। क्यूंकि गौशालाएं अपनी कम आय के कारण इसे वहन नहीं कर सकती थीं, इसलिए उन्हें गायों के प्रति मजबूत करने का फैसला लिया गया हैं। अब महाराष्ट्र में गौ शाला संचालकों को सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी।