Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत के एक महत्वपूर्ण दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरे को दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक संबंधों के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है।
पुतिन इस यात्रा के दौरान कई बड़े समझौते साइन कर सकते हैं, जिनमें रक्षा, ऊर्जा और तकनीकी सहयोग मुख्य मुद्दे हो सकते हैं। इसी बीच उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
उनसे पूछा गया था कि क्या अमेरिका भारत पर दबाव बनाने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल कर रहा है।
इस पर पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे नेता नहीं हैं जो किसी दबाव में झुक जाएं। उनका कहना था कि भारत अपनी स्वतंत्र नीति पर चलता है और दुनिया इसके दृढ़ रुख को देख रही है।
Putin India Visit: पुतिन ने की मोदी की तारीफ
एक इंटरव्यू में पुतिन से भारत-रूस संबंधों, अमेरिकी राष्ट्रपति और वैश्विक राजनीति के बारे में कई सवाल पूछे गए थे। इसमें उन्होंने भारत की विदेश नीति और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की खूब सराहना की।
पुतिन ने कहा कि आज दुनिया बदल रही है, लेकिन भारत अपनी प्राथमिकताओं पर अडिग है और किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकता।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत और रूस के बीच 90 प्रतिशत से अधिक द्विपक्षीय लेन-देन और समझौते समय पर और सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं।
यह दोनों देशों के बीच गहरे भरोसे और स्थिर साझेदारी का संकेत है। पुतिन का कहना था कि भारत को अपने नेतृत्व पर गर्व होना चाहिए क्योंकि उसने देश को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित किया है।
दोनों देशों में मित्रता
पुतिन ने यह भी बताया कि वह प्रधानमंत्री मोदी को एक अच्छे मित्र की तरह देखते हैं और उनसे मुलाकात करने में हमेशा खुशी महसूस करते हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते सिर्फ औपचारिक नहीं हैं, बल्कि नेताओं के बीच व्यक्तिगत स्तर पर भी मजबूत समझ और विश्वास है।
यही कारण है कि कई बड़े फैसले आसानी से हो जाते हैं और बातचीत का माहौल हमेशा सकारात्मक रहता है।
पुतिन ने बताया कि दोनों नेताओं ने अपनी अगली बैठक भारत में करने पर सहमति जताई है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे में कुछ बड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
भारत-रूस संबंध
पुतिन ने भारत-रूस संबंधों के लंबे इतिहास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच का रिश्ता दशकों पुराना है और यह भरोसे व सम्मान पर आधारित है।
भारत की स्वतंत्रता के बाद रूस ने कई बार भारत का साथ दिया, और आज भी दोनों देश कई वैश्विक मुद्दों पर एक-दूसरे के करीब हैं। रक्षा क्षेत्र हो,
ऊर्जा क्षेत्र हो या विज्ञान और तकनीक-भारत और रूस लगभग हर क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं।
पुतिन ने भारत के विकास की भी तारीफ़ की और कहा कि केवल 77 साल की अवधि में भारत ने जिस तेज़ी से आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है, वह किसी भी देश के लिए प्रेरणादायक है।
पुतिन अब तक भारत का नौ बार दौरा कर चुके हैं, जिनमें से तीन यात्राएं मोदी के कार्यकाल में हुई हैं।
दिसंबर में होने वाला यह दौरा उनका दसवाँ दौरा होगा। दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी भी रूस सात बार जा चुके हैं। यह तथ्य ही दिखाता है कि दोनों देशों के बीच बातचीत, सहयोग और विश्वास किस स्तर पर है।

