Pune Bridge Collapse: महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक बेहद दर्दनाक हादसा हुआ। जब मावल तालुका के कुंडमला (इंदुरी) क्षेत्र में इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना लोहे का पुल अचानक ढह गया।
यह पुल लगभग 30 साल पुराना था और हादसे के वक्त उस पर सौ से अधिक पर्यटक मौजूद थे। इस दुर्घटना ने राज्य के बुनियादी ढांचे और प्रशासन की जिम्मेदारियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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Pune Bridge Collapse: चार लोगों की मौत
हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें चंद्रकांत साठले, रोहित माने, विहान माने और एक अज्ञात पुरुष शामिल हैं। इसके अलावा 51 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज पवना अस्पताल, मायमर हॉस्पिटल, अथर्व हॉस्पिटल और युनिक हॉस्पिटल में चल रहा है।
हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए, जिसमें स्थानीय प्रशासन के साथ NDRF, CRPF और PMRDA की फायर ब्रिगेड टीमों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
पुल का एक हिस्सा नदी से बाहर निकाला
यह पुल इंद्रायणी नदी पर बना हुआ था और दो गांवों को जोड़ने का मुख्य मार्ग माना जाता था। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह पुल वर्षों से जर्जर स्थिति में था, लेकिन इसे लेकर प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
अब हादसे के बाद प्रशासन ने इसे पूरी तरह बंद कर जांच शुरू कर दी है। पुल का एक हिस्सा नदी से बाहर निकाला जा चुका है, जबकि कई बाइकें अभी भी ढहे हुए हिस्से में फंसी हुई हैं।
उद्धव ठाकरे ने सरकार पर साधा निशाना
इस हादसे को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे “सरकार की आपराधिक लापरवाही” करार देते हुए कहा कि जब सरकारें बड़े-बड़े विकास कार्यों का दावा करती हैं, तो फिर एक साधारण पुल की मरम्मत क्यों नहीं की जाती?
उन्होंने दुख जताया कि 44 पर्यटक बह गए, कई जख्मी हैं और यह लापरवाही बेहद निंदनीय है। ठाकरे ने यह भी सवाल उठाया कि सरकार आखिर कब इन हादसों की ज़िम्मेदारी लेगी?
सरकार दें जवाब
उद्धव ठाकरे ने इसी सिलसिले में मालवण स्थित राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के चबूतरे की जमीन धंसने की घटना को भी उठाया। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री द्वारा स्थापित की गई शिवाजी प्रतिमा गिर गई,
अब नई प्रतिमा के नीचे की जमीन धंस गई है। यह शिवाजी महाराज का नहीं, बल्कि उनके गौरव का अपमान है। उन्होंने सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की।
इस त्रासदी ने न सिर्फ प्रशासन की तैयारियों और बुनियादी ढांचे की पोल खोली है, बल्कि पर्यटक स्थलों की सुरक्षा पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।
ठाकरे ने मांग की है कि मृतकों के परिवारों को न्याय और उचित मुआवज़ा दिया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।
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