Tuesday, July 29, 2025

Premanand Maharaj: अनिरुद्धाचार्य के बाद प्रेमानंद महराज के बयान पर विवाद, 100 में से 2-4 लड़कियां ही पवित्र

Premanand Maharaj: इन दिनों वृंदावन के संतों के बयानों को लेकर देशभर में भारी विवाद खड़ा हो गया है। एक के बाद एक संतों द्वारा महिलाओं और लड़कियों को लेकर दिए जा रहे आपत्तिजनक बयान न केवल समाज को चौंका रहे हैं, बल्कि महिलाओं के सम्मान को भी ठेस पहुंचा रहे हैं।

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हाल ही में संत अनिरुद्धाचार्य ने एक ऐसा बयान दिया था जिससे महिलाओं में आक्रोश फैल गया था। उन्होंने महिलाओं के पहनावे और आचरण को लेकर टिप्पणी की थी,

जिसे लेकर महिला आयोग तक को स्वतः संज्ञान लेना पड़ा था। इस बयान की व्यापक आलोचना हुई और लोगों ने संतों के ऐसे रवैये पर सवाल उठाए।

Premanand Maharaj: 100 में से केवल 2-4 लड़कियां ही पवित्र

अब इस विवाद के शांत होने से पहले ही वृंदावन के ही एक और संत, प्रेमानंद महाराज, अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने एक एकांतिक वार्तालाप के दौरान लड़कियों को लेकर चौंकाने वाली बात कही, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

वीडियो में संत प्रेमानंद महाराज कहते नजर आ रहे हैं कि “आज के समय में 100 में से केवल 2-4 लड़कियां ही पवित्र आ रही हैं। बाकी सब गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड के चक्कर में पड़ी हैं। ऐसी लड़कियां जब घर की बहू बनेंगी तो परिवार का क्या होगा, यह सबको खुद सोचना चाहिए।”

लड़के भी एक से अधिक लड़कियों से संपर्क

इतना ही नहीं, उन्होंने पुरुषों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि आजकल लड़के भी एक से अधिक लड़कियों से संपर्क में रहते हैं, यानी चरित्र की दृष्टि से अब लड़के भी पीछे नहीं हैं। उनका यह बयान कुछ लोगों को पारंपरिक सोच का प्रतीक लग सकता है,

लेकिन बड़ी संख्या में लोग इसे स्त्री विरोधी और मानसिकता की गिरावट मान रहे हैं। कई लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि आखिर संतों को लड़कियों के कपड़े और चरित्र पर बात करने की ज़रूरत क्यों पड़ रही है? क्या यही उनका धर्म है?

महिलाओं को लेकर सवाल

लोगों का कहना है कि वृंदावन जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी के संतों से ऐसी भाषा और सोच की उम्मीद नहीं की जाती। संत समाज को दिशा देने वाले माने जाते हैं, लेकिन जब वही समाज के एक वर्ग को खुलेआम गलत ठहराने लगें तो सवाल उठना लाज़मी है। खासतौर पर जब बात महिलाओं और लड़कियों के सम्मान की हो, तो जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को बहुत सोच-समझकर बोलना चाहिए।

संतों को क्या हो गया है?

इस बयान के बाद प्रेमानंद महाराज की आलोचना चारों तरफ हो रही है। मीडिया द्वारा उनके आश्रम के प्रतिनिधि नवल नागरी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।

फिलहाल सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर बहस तेज हो गई है और लोग पूछ रहे हैं – “आखिर वृंदावन के संतों को क्या हो गया है? वे बार-बार लड़कियों को निशाना क्यों बना रहे हैं? क्या यही उनका संदेश है समाज को?”

इन घटनाओं ने संतों की भूमिका और जिम्मेदारी को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या अब धर्म की आड़ में समाज को बांटने और महिलाओं को अपमानित करने का अधिकार किसी को दिया जा सकता है?

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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