पिछले कुछ सालों में पाउडर मिल्क का उपयोग काफी बढ़ गया है। इसे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को दिया जा रहा है।
साथ ही मिठाइयां, चाय, कॉफी और कई तरह के खाद्य पदार्थों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
बहुत से लोग इसे पौष्टिक मानते हैं, लेकिन इसके साथ कई मिथक भी जुड़े हैं। जैसे कि इससे वजन बढ़ता है या यह बच्चों के लिए हानिकारक होता है। आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स से कि असलियत क्या है।
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मिथक 1: पाउडर मिल्क से बढ़ता है वजन
विशेषज्ञ बताते हैं कि यह सोचना गलत है कि मिल्क पाउडर से बच्चे का वजन असामान्य रूप से बढ़ जाता है।
वास्तव में, इसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो बच्चे की ग्रोथ में मदद करते हैं। हालांकि, यह मां के दूध का विकल्प नहीं है। मां के दूध में मौजूद नेचुरल एंटीबॉडी बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं, जो पाउडर मिल्क में नहीं मिलते।
अगर किसी मेडिकल कारण से मां का दूध न मिले, तो पाउडर मिल्क एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर बच्चा इससे मोटा हो जाएगा। बच्चे का वजन जेनेटिक्स, खानपान और कई अन्य बातों पर निर्भर करता है।
मिथक 2: पाउडर मिल्क में मिलावट होती है
यह बात पूरी तरह सही नहीं है। ब्रांडेड और मानक कंपनियों द्वारा बनाया गया मिल्क पाउडर सख्त गुणवत्ता जांच और सुरक्षा मानकों से गुजरकर ही बाजार में आता है। इसमें आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स होते हैं।
हालांकि, लोकल या बिना प्रमाणित ब्रांड के पाउडर में मिलावट की संभावना रहती है।
इसलिए मिल्क पाउडर खरीदते समय केवल एफएसएसएआई (FSSAI) प्रमाणित और विश्वसनीय ब्रांड का ही चुनाव करें। गलत जानकारी की बजाय सही ब्रांड और सतर्कता अपनाना ज्यादा जरूरी है।
मिथक 3: पाउडर दूध में पोषण की कमी होती है
कई लोग मानते हैं कि पाउडर दूध में पोषक तत्व नहीं होते, लेकिन यह पूरी तरह से गलत है।
मानक कंपनियां पाउडर दूध को वैज्ञानिक प्रक्रिया से तैयार करती हैं ताकि उसमें मौजूद प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स पूरी तरह सुरक्षित रहें। यह खासतौर पर तब उपयोगी है जब ताजा दूध उपलब्ध न हो।
हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि यह मां के दूध का विकल्प नहीं है, बल्कि एक सप्लिमेंटरी स्रोत है। डॉक्टर की सलाह के साथ इसका सेवन किया जाए तो यह बच्चों और बड़ों दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
मिथक 4: पाउडर दूध बच्चों के लिए हानिकारक है
पाउडर दूध तब उपयोगी होता है जब मां का दूध उपलब्ध न हो या पर्याप्त मात्रा में न बने। इसमें बच्चों की ग्रोथ के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, आयरन और विटामिन मिलाए जाते हैं।
हाँ, यह हानिकारक तब हो सकता है जब इसे गलत तरीके से तैयार किया जाए, या मिलावटी लोकल ब्रांड का इस्तेमाल किया जाए। इसलिए बच्चों को पाउडर मिल्क देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है
पाउडर मिल्क से जुड़ी गलतफहमियां अक्सर अफवाहों और अधूरी जानकारी पर आधारित होती हैं। अगर आप मानक कंपनियों का प्रमाणित उत्पाद लेते हैं और इसे सही तरीके से तैयार करते हैं, तो यह एक सेफ और पोषण से भरपूर विकल्प हो सकता है।
मां का दूध हमेशा सर्वोत्तम रहेगा, लेकिन जब वह उपलब्ध न हो, तब पाउडर मिल्क एक उपयोगी विकल्प बन सकता है।