पश्चिम बंगाल में चुनावी रणनीति: आज 3 दिसंबर 2025 को सुबह संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल से चुने गए BJP सांसदों से एक अहम मुलाकात की।
संसद के शीतकालीन सत्र के बीच हुई इस बैठक का मुख्य एजेंडा राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति की समीक्षा करना और आगामी 2026 विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देना था।
पश्चिम बंगाल में चुनावी नींव को मजबूत करना
पश्चिम बंगाल में चुनावी रणनीति: मोदी ने सांसदों को निर्देश दिए कि वे पश्चिम बंगाल में चुनावी नींव को और मजबूत करें।
उन्होंने कहा कि अब समय है “कड़ी मेहनत” और “जमीन पर सक्रियता” का, ताकि अगले विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने राज्य में चल रही मौजूदा चुनौतियों, SIR (मतदाता सूची पुनरीक्षण) प्रक्रिया, कानून-व्यवस्था की स्थिति, और पार्टी के बल को लेकर सांसदों से फीडबैक भी लिया।
साथ ही मोदी ने चेतावनी दी कि पार्टी को विपक्षी दलों की “नैरेटिव” से विचलित न होना चाहिए, बल्कि जमीन पर स्वयं मुद्दे उठाने और लोगों से जुड़ने पर ज़ोर देना चाहिए।
वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण
पश्चिम बंगाल में चुनावी रणनीति: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया विवादों में है इसे लेकर विपक्षी दल आलोचना कर रहे हैं।
इस बैठक के दौरान मोदी ने सांसदों से कहा कि SIR “वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण” है, इसे “जटिल नहीं” बनाया जाना चाहिए और इस पर आम लोगों में सही संदेश पहुंचना चाहिए।
पीएम ने कहा कि योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करना और जो पात्र न हों, उन्हें हटाना लोकतंत्र की प्रक्रिया का हिस्सा है।
बीजेपी दे पाएंगी TMC को टक्कर?
पश्चिम बंगाल में चुनावी रणनीति: बीजेपी पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति को “जमीनी स्तर पर लामबंदी, मतदाता सूची शुद्धिकरण और सशक्त प्रचार” के एक सुनियोजित संयोजन के रूप में देख रही है।
पार्टी पश्चिम बंगाल में अपने पैठ और प्रभाव को मजबूत करना चाहती है ताकि 2026 के विधानसभा चुनाव में सशक्त चुनौती दे सके।
मोदी ने सांसदों से कहा कि वे “न सिर्फ संसद में, बल्कि जन-सम्पर्क, सोशल मीडिया और जमीनी स्तर” तक अपने प्रयास करें।
BLO पर दबाव डालने का आरोप
पश्चिम बंगाल में चुनावी रणनीति: सीएम ममता बनर्जी भाजपा और चुनाव आयोग पर BLO पर अनुचित दबाव डालने का आरोप लगा रही हैं। उनका कहना है कि इसकी वजह से कई मौतें और आत्महत्याएं हो रही हैं।
यह मुलाकात ठीक उस समय हुई है, जब राज्य में SIR को लेकर तमाम विवाद हो रहे हैं।
चुनाव आयोग, राज्य की सरकार, और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हुए हैं।
ऐसे में यह बैठक BJP के लिए रणनीतिक आधार तय करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
इसके साथ ही, 2025 में हुए विधानसभा चुनावों, आगामी 2026 विधानसभा चुनावों और भारत की बदलती राजनीतिक तस्वीर देखते हुए, मोदी की यह पहल “बंगाल पर BJP का ज़ोर” दिखाती है।

