भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता और गायक पवन सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव से खुद को दूर रखने का ऐलान कर दिया है।
न्होंने कहा कि वह राजनीति में सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए नहीं आए, बल्कि पार्टी की विचारधारा और जनता की सेवा के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े हैं।
शनिवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पवन सिंह ने अमित शाह से मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से कहना चाहता हूं कि मैं विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी में शामिल नहीं हुआ था और ना ही मुझे चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।”
Table of Contents
पत्नी ज्योति सिंह के विवाद के बाद राजनीतिक अटकलों को मिला विराम
कई दिनों से यह कयास लगाए जा रहे थे कि पत्नी ज्योति सिंह के साथ चल रहे विवाद के चलते पवन सिंह की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को झटका लग सकता है। अब पवन सिंह के इस बयान के बाद अटकलों पर विराम लग गया है।
दरअसल, हाल ही में ज्योति सिंह ने जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई थी कि वह सक्रिय राजनीति में उतर सकती हैं।
“मैं महिलाओं के अधिकारों की आवाज बनना चाहती हूं”- ज्योति सिंह
शेखपुरा में प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद ज्योति सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य चुनाव लड़ना नहीं है।
“मैं किसी टिकट या पद के लिए नहीं आई हूं। मेरे साथ जो अन्याय हुआ है, वो किसी और महिला के साथ न हो। मैं उन महिलाओं की आवाज बनना चाहती हूं जो अन्याय का सामना कर रही हैं।”
वहीं, प्रशांत किशोर ने भी स्पष्ट किया कि जनसुराज पार्टी किसी व्यक्ति के लिए अपने नियमों में बदलाव नहीं करती। उन्होंने बताया कि आरा क्षेत्र से डॉ. विजय गुप्ता पहले ही पार्टी उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं।
पहले लोकसभा से निराशा, अब विधानसभा से भी बाहर
यह पहला मौका नहीं है जब पवन सिंह की चुनावी उम्मीदों को झटका लगा हो।
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से टिकट दिया था, लेकिन उनकी विवादित छवि के कारण पार्टी ने टिकट वापस ले लिया।
इसके बाद उन्होंने बिहार की काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
वापसी के बाद भी विवादों से नहीं बच पाए
चुनाव हारने के बाद पवन सिंह दोबारा बीजेपी में लौट आए थे।
लेकिन पत्नी ज्योति सिंह से बढ़ते विवादों और लगातार मीडिया में नकारात्मक छवि बनने के चलते उनका राजनीतिक करियर लगातार दबाव में रहा।
अब विधानसभा चुनाव से दूर रहने के ऐलान के साथ उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं, संगठन की सेवा को प्राथमिकता देंगे।