Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में नरसंहार के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट जगजाहिर हो गई है। आए दिन उसके नेता कोई न कोई बड़बोलापन दिखा रहे हैं। पहले उनके रक्षा मंत्री और अब उनके पूर्व विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के आतंक का पनाहगार होने की बात कबूल ली है। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने खुद कबूल कर लिया है कि उनके मुल्क के आतंकी समूहों के साथ संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अतीत रहा है। यह किसी से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान के दहशर्तगर्दों के साथ संबंध रहे हैं। यह कबूलनामा उनके रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की आतंकवादी समूहों को समर्थन और वित्त पोषण में पाकिस्तान की संलिप्तता को स्वीकार करने के बाद सामने आया है।
आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के इतिहास को स्वीकारा
बिलावल भुट्टो ने आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के इतिहास को स्वीकार करते हुए दावा किया कि इसका देश को नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, बाद से इसमें सुधार हुआ। स्काई न्यूज से गुरुवार को बातचीत में भुट्टो ने कहा, ‘जहां तक रक्षा मंत्री ने कहा है, मुझे नहीं लगता कि यह कोई रहस्य है कि पाकिस्तान का अतीत रहा है। इसी वजह से हमने नुकसान उठाया है। पाकिस्तान ने काफी नुकसान सहा है। हम चरमपंथ, आतंकवाद की लहर से गुजरे हैं। हमने जो कुछ भी झेला है, उससे सबक लिया है। इस समस्या को हल करने के लिए हमने आंतरिक सुधारों को अपनाया है।’
पहले दी गीदड़भभकी, कहा- हम पर हमला हुआ तो…
गुरुवार को मीरपुर खास में एक रैली को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने एक बार फिर खोखली बयानबाजी की थी। उन्होंने गीदड़भभकी देते हुए दावा किया था कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अगर भारत ने उन्हें उकसाया, तो वे युद्ध के लिए तैयार हैं। उन्होंने बड़बोलापन दिखाते हुए कहा, ‘पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण देश है। इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है। हम युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर कोई हम पर हमला करता है, तो उसे भी युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। हम युद्ध का ढोल नहीं पीटते हैं, लेकिन अगर उकसाया गया तो एकजुट पाकिस्तान की दहाड़ कानफोड़ू होगी।’
रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा ने भी कर चुके कबूल
इससे पहले कुछ दिन पहले वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा स्काई न्यूज की यल्दा हकीम से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने उनसे पूछा, ‘आप मानते हैं कि पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्त पोषण करने का लंबा इतिहास रहा है? इस पर ख्वाजा आसिफ ने अपने जवाब में कहा, ‘हम करीब तीन दशकों से अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं। ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए ऐसा कर रहे हैं। यह एक गलती थी। हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।’