Pakistan: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को स्थगित करने के फैसले ने पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है।
वर्षों से सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर निर्भर रहने वाला पाकिस्तान अब पानी के लिए भारत पर दबाव नहीं बना पा रहा।
तमाम अंतरराष्ट्रीय मंचों, वर्ल्ड बैंक और संयुक्त राष्ट्र में गुहार लगाने के बाद भी भारत टस से मस नहीं हुआ।
अब जब पाकिस्तान को कोई सहानुभूति नहीं मिली, तो शहबाज शरीफ सरकार ने खुद अपने संसाधनों से जल भंडारण क्षमता बढ़ाने की घोषणा की है।
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क्या है डायमर भाषा डैम और क्यों बना विवाद का विषय?
Pakistan: शहबाज शरीफ ने 1 जुलाई 2025 को कहा कि सरकार अब डायमर भाषा बांध और अन्य संसाधनों के जरिए पानी जमा करने की योजना बना रही है।
यह बांध खैबर पख्तूनख्वा के कोहिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान के डायमर जिले के बीच बनाया जा रहा है। हालांकि, इस पर पहले से ही विवाद चल रहा है।
भारत ने विरोध जताया है क्योंकि यह डैम पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में बन रहा है, जिसे भारत अवैध क्षेत्र मानता है।
स्थानीय लोग भी डैम के खिलाफ हैं, उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं, वे निर्माण नहीं होने देंगे।
यह डैम सबसे पहले इमरान खान सरकार में शुरू हुआ था, लेकिन विरोध और अव्यवस्थाओं के चलते बीच में ठप पड़ गया था। अब फिर से इसे अगले साल तक पूरा करने की घोषणा की गई है।
सिंधु जल संधि का क्या है इतिहास?
Pakistan: साल 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी। इसके तहत, रावी, ब्यास और सतलज नदियों का जल भारत को मिला। सिंधु, झेलम और चिनाब का जल पाकिस्तान को दिया गया।
पाकिस्तान की जल आवश्यकताओं का लगभग 80% हिस्सा इन्हीं तीन नदियों से पूरा होता है। ऐसे में जब भारत ने यह संधि अस्थायी रूप से सस्पेंड की, तो पाकिस्तान के लिए जल संकट एक राष्ट्रीय आपदा बन गया।
अंतरराष्ट्रीय मंचों से भी मिली मायूसी
Pakistan: भारत को डराने के लिए पाकिस्तान ने पहले युद्ध की धमकियां दीं, फिर दुनियाभर में भारत की शिकायतें कीं।
लेकिन न तो विश्व बैंक ने, न संयुक्त राष्ट्र ने इसमें दखल दिया।
विश्व बैंक ने साफ कह दिया कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है, जिसे आपसी बातचीत से हल करना चाहिए।
वहीं भारत ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक आतंकवाद और POK जैसे गंभीर मुद्दों का हल नहीं निकलता, तब तक अन्य किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी।
अब खुद ही पानी इकट्ठा करेगा पाकिस्तान
Pakistan: हर चाल नाकाम होने के बाद पाकिस्तान को अब यह समझ में आ गया है कि अब न भीख चलेगी, न धमकी काम आएगी।
इसीलिए अब वह डायमर भाषा डैम, और अन्य आंतरिक संसाधनों के ज़रिए खुद की जल भंडारण क्षमता बढ़ाने की कोशिश में लग गया है।