Pahalgam: पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। भारत की तरफ से किसी भी समय जवाबी कार्रवाई की आशंका के चलते पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं। एलओसी से सटे इलाकों में दहशत का माहौल है और वहां की सरकार ने नागरिकों को दो महीने का राशन इकट्ठा रखने का निर्देश दिया है। साथ ही लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
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Pahalgam: 1 अरब रुपये का आपातकालीन कोष
पीओके के तथाकथित प्रधानमंत्री चौधरी अनवर उल हक ने पाकिस्तान की विधानसभा में इस स्थिति को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि खाद्य पदार्थ, दवाइयों और अन्य आवश्यक चीजों के लिए 1 अरब रुपये का आपातकालीन कोष बनाया गया है। यह कोष ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया गया है जो भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई के दौरान उत्पन्न हो सकती है।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान सरकार ने कश्मीर में चल रहे करीब 1,000 मदरसों को आगामी 10 दिनों के लिए बंद कर दिया है। इसके अलावा मुजफ्फराबाद और एलओसी के पास बसे छोटे-छोटे कस्बों के स्कूलों को अस्थायी ट्रेनिंग कैंप में तब्दील कर दिया गया है। इन कैंपों में 11 साल तक के बच्चों को प्राथमिक उपचार (First Aid) देने की ट्रेनिंग दी जा रही है, जो इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान किस कदर डरा हुआ और सतर्क है।
पाकिस्तान के नागरिकों की जिंदगी डर के साये में
पाकिस्तान के इन कदमों से साफ है कि वह भारत के जवाबी एक्शन को लेकर आशंकित है। हालांकि भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पाकिस्तान की तैयारी इस बात की गवाही देती है कि उसे अपने ही किए की सजा मिलने का डर सता रहा है।
ऐसे में भले ही भारत हमला करे या न करे, लेकिन पाकिस्तान के नागरिकों की जिंदगी डर और तनाव के साए में गुजरने वाली है। LOC के पार जिस तरह से तैयारी की जा रही है, वह बताती है कि पाकिस्तान न केवल कूटनीतिक रूप से दबाव में है, बल्कि आंतरिक रूप से भी अराजकता की स्थिति से जूझ रहा है।
NIA की जांच में हुआ खुलासा
जानकारी के अनुसार पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए हमले को एक सप्ताह से ज्यादा बीत चुके है, सुरक्षा एंजेसियों को इनपुट मिल रहे है कि अभी भी आतंकी दक्षिण कश्मीर में छुपे हुए है और पूरी तरह से आत्मनिर्भर है। इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की चिता बढ़ा दी है।
NIA के जांच सूत्रों का कहना है कि इस हमले को चार आतंकियों ने अंजाम दिया था। वहीं दो हमलावार मेन गेट से अंदर आए थे एक Exit गेट और चौथा पास के एक जंगल में था। ऐसा बताया जा रहा है कि हमले से पहले आतंकियों ने तीन स्थानों की टोह ली थी।
वहीं हमले को अंजाम देने के बाद बाद सभी आतंकी पार्क की दीवार फांदकर भाग गए और NIA के जांच में खुलासा हुआ था कि टूरिस्टों पर हमले के लिए पाकिस्तानी हथियार का इस्तेमाल हुआ था और जिसे बेताब घाटी में हमलावारों ने छुपाया था। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी की इतने इनपुट के बाद इन आतंकियों को कितनी जल्दी पकड़ा जाएगा।
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