Oscar Awards 2025: आमिर खान प्रोडक्शन में बनी फिल्म लापता लेडीज को लोगों ने खूब पसंद किया है। इस फिल्म को प्रोडूस आमिर खान ने किया है और इसका निर्देशन उनकी एक्स वैफे किरण राव ने किया है। इस फिल्म को भारत की तरफ से ऑफिशियल एंट्री मिल गयी है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस फिल्म में ऐसा क्या खास है कि इसने ऑस्कर में अपनी जगह बना ली है।
जब फिल्मों में समाज से दूर जाकर कहानियां दिखाई जाती है, तब बॉलीवुड सपने बेच रहा होता है और फिर यही सपने लोगों को सच लगने लगते हैं। लेकिन क्या सिनेमा का असली मतलब कहानियां है? आप लोग कहेंगे शायद हां लेकिन क्या सिनेमा वो नहीं जो समाज के बारे में बात करें। बस ऐसा ही कुछ इस फिल्म ने किया है कहनियों से हटकर समाज के बारे में दिखाया गया है। यही वजह है की आज “लापता लेडीज” 2025 के ऑस्कर अवार्ड्स के लिए भारत की तरफ से ऑफिशियल एंट्री करने जा रही है।
एक तरफ जहां बॉलीवुड साउथ के रीमेक बनाने में और रोबोट्स पर फिलेमिन बनाने में मशरूफ था वहां 14 साल बाद किरण राव ने एक ऐसी फिल्म बना डाली, जिसमें समाज के बारे में बात की गयी, जो हम सब के जीवन से कहीं न कहीं कनेक्ट करती है। इस फिल्म में एक सरल सी कहानी को बिना किसी फैंसी चीजों के सरलता के साथ पेश किया गया है। इस कहानी में कोई मैसेज न होकर भी एक बहुत बड़ी सीख समाज के लिए है। ऐसा इस फिल्म में कुछ नहीं है जो आप एक्सपेक्ट करते हो लेकिन फिर भी उत्तर प्रदेश के गांव में बनी एक छोटी सी कहानी आज आपके दिलों पर राज करती हैं। आपका खूब मनोरंजन करती है। शायद इस फिल्म की यही बात आज इसे ऑस्कर में इसे एंट्री दिलवा पायी है।
लापता लेडीज में दिखाई Irony इसे खास बनाती है
Oscar Awards 2025: जहां एक तरफ फिल्म में दहेज की कुप्रथा के बारे में बात की गयी है तो वहीं इस फिल्म में बहु को सर आंखों पर रखने वाले परिवार की भी बात की गयी है। जहां एक तरफ पति की प्रताड़नाओं को दर्शाया गया है तो वहीं दूसरी तरफ इस फिल्म में एक ऐसी पति की भी बात की गयी है जो अपनी खोयी हुई पत्नी को ढूंढे के लिए दिन रात एक कर रहा है। जहां एक तरफ दुल्हन को पढ़ लिखकर कुछ बनना है तो वहीं दूसरी तरफ दुल्हन को घर जाकर अपने पति का घर संभालना है। यहां का पुलिस वाला भी कुछ ऐसा ही है जो अच्छा भी है और बुरा भी। इस फिल्म में दिखाया गया है कि जिंदगी सिर्फ ब्लैक एंड वाइट नहीं होती इसमें और भी कई से रंग होते हैं।
साउथ की फिल्मों में धुंधले हुए बॉलीवुड को नया विज़न दिखती ये फिल्म
Oscar Awards 2025: इंडिया को एक नजरिये से देखने वालों के लिए ये फिल्म मुंह तोड़ जवाब है। इस फिल्म में किसी भी किरदार के कोई बड़े dialogue नहीं हैं, कोई फैंसी cars नहीं है , कोई एक्शन नहीं है लेकिन फिर भी इस फिल्म ने अपना जादू चलाया है। क्यूंकि ये फिल्म हमसे, हमारी मिट्टी से जुडी है। ये फिल्म हमें सिखाती है कि देश के बेटियों को अपने हिसाब से उनका जीवन जीने का अधिकार है। हमें उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। इस फिल्म ने बॉलीवुड को भी एक नजरिया दिया है जो कि आजकल साउथ के remakes में कही ऑडियंस के साथ अपने रिश्ते कमज़ोर करता जा रहा है।
हमारी कहानी
कई जगह पर ये कहा जा रहा है कि इस फिल्म को इंटरनेशनल मार्केट की समझ नहीं है, लेकिन याद रखें ये वहीं फील है जिसे अपनी रिलीज से पहले टोरंटो जैसे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में स्टैंडिंग ओवेशन मिली थी। सवाल है कि हम अपने ऑस्कर में वो कहानी क्यों भेजे जो वो देखना चाहते हैं? हम इस फिल्म के जरिये हम उन्हें इंडिया के दो पहलू दिखाएंगे। एक जो वो देखना चाहते हैं और दूसरा वो जो हमसे जुड़ा है। जिसे हम दिखाना चाहते हैं। और वैसे भी हमसे ही जुड़ी कहानी दिखने में कैसे शर्म?