Operation Sindoor: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने एक सटीक और करारा प्रहार किया — ऑपरेशन सिंदूर। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए नौ बड़े ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया।
यह कार्रवाई न सिर्फ भारत की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन था, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक स्पष्ट संदेश गया कि भारत अब जवाबी नहीं, निर्णायक कार्रवाई करता है।
Table of Contents
Operation Sindoor: पाकिस्तान की रणनीति ध्वस्त, चीनी हथियारों की पोल खुली
इस भारतीय ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने बौखलाहट में चीन और तुर्की से मिले हथियारों और तकनीक का सहारा लेकर भारत पर जवाबी हमला करने की कोशिश की। इस प्रयास में चीन के जे-10सी फाइटर जेट, पीएल-15 मिसाइलें, और तुर्की के ड्रोन शामिल थे। लेकिन भारत की अत्याधुनिक एयर डिफेंस प्रणाली ने इन सभी को नाकाम कर दिया।
भारतीय एयरफोर्स के ऑपरेशंस डायरेक्टर जनरल एयर मार्शल ए.के. भारती के अनुसार, “भारत का एयर डिफेंस सिस्टम अब एक अभेद्य दीवार बन चुका है। दुश्मन के ड्रोन, फाइटर जेट या मिसाइल—कोई भी हमारी सीमाओं को पार नहीं कर सकता।” इस असफलता ने पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति को तो कमजोर किया ही, साथ ही चीन के हथियारों की वैश्विक साख को भी झटका पहुंचाया।
Operation Sindoor: निवेशकों ने जताया अविश्वास, चीनी डिफेंस कंपनियों को बड़ा झटका
Operation Sindoor: भारत में फेल होने के बाद चीनी रक्षा तकनीक पर निवेशकों का भरोसा तेजी से टूटने लगा है। इसके परिणामस्वरूप चीन की प्रमुख रक्षा कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है:
- एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट: इस कंपनी के बनाए जे-10सी फाइटर जेट का पाकिस्तान ने इस्तेमाल किया था। इसके शेयर तीन लगातार कारोबारी सत्रों में 9% तक गिर गए।
- झूझोउ होंगडा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प: पीएल-15 मिसाइल बनाने वाली इस कंपनी के शेयरों में 10% की गिरावट आई।
- चाइना एयरोस्पेस टाइम्स इलेक्ट्रॉनिक्स: दो दिनों में 7% गिरावट दर्ज की गई।
- ब्राइट लेजर टेक्नोलॉजीज, नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप, चाइना स्पेससैट और एवीआईसी एयरक्राफ्ट जैसी अन्य कंपनियों के शेयरों में 5% से 10% तक की गिरावट हुई।
यह न सिर्फ चीन के हथियार निर्यात की साख को चोट पहुंचाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में उसकी स्थिति को भी कमजोर करता है।
Operation Sindoor: भारत की रक्षा कंपनियों को नई उड़ान
Operation Sindoor: जहां चीन को इस ऑपरेशन के बाद नुकसान झेलना पड़ा, वहीं भारत की रक्षा कंपनियों के लिए यह एक बड़ा अवसर बनकर सामने आया। घरेलू निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने भारतीय डिफेंस सेक्टर में नई संभावनाएं देखनी शुरू कर दी हैं।
- निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स ने सिर्फ तीन दिनों में 10% की बढ़त दर्ज की।
- आइडियाफोर्ज, जीआरएसई, कोचीन शिपयार्ड और भारत डायनेमिक्स जैसी कंपनियों के शेयरों में एक हफ्ते के भीतर 38% तक की तेजी देखने को मिली।
यह रुझान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब रक्षा उत्पादन और निर्यात दोनों में आत्मनिर्भरता की ओर मज़बूती से बढ़ रहा है।
Operation Sindoor: निष्कर्ष: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने बदली वैश्विक सोच
‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक सैन्य कार्रवाई भर नहीं था, बल्कि यह भारत की रणनीतिक सोच, आत्मनिर्भरता और वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में एक मजबूत कदम था। पाकिस्तान की हार और चीन के हथियारों की विफलता ने दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सस्ता हथियार खरीदना अब सुरक्षा की गारंटी नहीं है।
दूसरी ओर, भारतीय तकनीक और सेना की दक्षता ने यह सिद्ध कर दिया है कि भविष्य का डिफेंस मार्केट क्वालिटी और इनोवेशन पर चलेगा—और भारत अब उसमें एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।