Budget 2024-25: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई यानी आज बजट पेश करने वाली हैं। ये उनका लगातार 7 वां बजट होगा। भारत में बजट पेश करने की ये परंपरा आजादी से भी पहले की है। बजट के डाक्यूमेंट्स रखने के लिए ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि अब ये दस्तावेज डिजिटल हो गये हैं लेकिन ब्रीफकेस का इस्तेमाल आज भी किया जाता है। इसका तरीका समय-समय पर बदलता रहता है। आइये बजट और इस ब्रीफकेस के बारे में विस्तार से जानते हैं।
Budget 2024-25: बजट शब्द आया कहां से
बजट, अंग्रेजी शब्द budget से आया है। इस शब्द का मतलब होता है किसी प्रशासन का फाइनेंशियल स्थिति होता है। बजट वैसे तो फ्रेंच शब्द Bougette से लिया गया शब्द है जिसका अर्थ है लेदर ब्रीफकेस।
Budget 2024-25: ब्रिटेन से भारत आयी ये परंपरा
हमारे भारत में ब्रीफकेस की परंपरा ब्रिटेन से लायी गयी है। 1860 में ब्रिटेन का बजट को पेश करने के लिए चीफ विलियम ई. ग्लैडस्टोन ने पहली बार ब्रीफकेस का प्रयोग किया था। बाद में ‘ग्लैडस्टोन बॉक्स’ के रूप में ये पूरी दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया और चर्चा का विषय भी बन गया।
स्वतंत्र भारत में पहली बार ब्रीफकेस का इस्तेमाल
भारत ने ब्रिटिश की इस परंपरा का पालन किया। लेकिन ब्रिटेन में केवल लेदर के ब्रीफकेस का इस्तेमाल होता है वहीं भारत में अलग-अलग वित्त मंत्री अलग-अलग ब्रीफकेस अलग-लग रंगों के ले जाते आये हैं। भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को भारत का पहला बजट पेश करने के लिए रेड लेदर के ब्रीफकेस का पयोग किया था। 1958 में देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल रंग की बजाय काले रंग के ब्रीफकेस में बजट पेश किया।
मोदी सरकार ने तोड़ी गुलामी की परंपरा, ब्रीफ़केसे से बहीखाता और अब टेबलेट
समय-समय पर बैग के रंग और डिजाइनंस को लेकर कई तरह के बदलाव होते आये हैं। साल, 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट ब्रीफकेस की परंपरा को छोड़ा और केंद्रीय बजट के कागजात ले जाने के लिए ‘बही-खाता’ का इस्तेमाल किया। 2021 में निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के लिए ‘बही-खाता’ को ‘टैबलेट’ के साथ बदल दिया। बजट पहली बार पूरी तरह से डिजिटल हो गया। लेकिन लाल रंग के ब्रीफकेस का इस्तेमाल आज भी किया जाता है।
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