Netherlands: नीदरलैंड एक तरफ भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी की बात करता है। खुद को भारत का अच्छा दोस्त बता है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान को हथियार भी सप्लाई कर रहा है। ये वही पाकिस्तान है जो भारत के खिलाफ आतंक फैलाने में सबसे आगे रहता है। ऐसे में नीदरलैंड का दोहरा चेहरा अब भारत के निशाने पर है। भारत ने अब नीदरलैंड के खिलाफ सख्ती दिखाई है।
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पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा हथियार सप्लायर बना Netherlands
Netherlands: नीदरलैंड अब पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन चुका है। चीन और तुर्की के बाद वह पाकिस्तान को समुद्री हथियार देने वाले देशों में शामिल हो गया है। इससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।
Netherlands:जयशंकर की यात्रा में हुआ खुलासा
Netherlands: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इन दिनों यूरोप के दौरे पर हैं। 6 दिन की यात्रा के पहले पड़ाव में उन्होंने नीदरलैंड का दौरा किया, जहां उन्होंने डच प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मुलाकात की। इसी दौरान यह खुलासा हुआ कि नीदरलैंड पाकिस्तान को लगातार हथियार सप्लाई कर रहा है।
सोशल मीडिया पर दिखा डिप्लोमैटिक विरोधाभास
जयशंकर ने मुलाकात के बाद ट्वीट कर आतंकवाद के खिलाफ डच सरकार की सराहना की, लेकिन वहीं दूसरी ओर वही सरकार पाकिस्तान की सेना को मज़बूत कर रही है। यह विरोधाभास भारत की विदेश नीति में नई सख्ती ला सकता है।
भारत का करारा जवाब तैयार
भारत और नीदरलैंड के बीच करीब 22 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है। इसके मुकाबले पाकिस्तान का पूरा यूरोपीय व्यापार मात्र 15 अरब डॉलर का है। भारत इस व्यापारिक ताकत के जरिए नीदरलैंड पर दबाव बनाकर पाकिस्तान को हथियार भेजने से रोक सकता है।
डच कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
भारत के रक्षा क्षेत्र में कई डच कंपनियां निवेश करना चाहती हैं। लेकिन अब भारत के नीति-निर्माता ये सवाल पूछ रहे हैं कि क्या दोहरा खेल खेलने वालों को यहां मौका मिलना चाहिए? अगर नीदरलैंड ने अपना रवैया नहीं बदला तो उसे भारत के दरवाज़े बंद मिल सकते हैं।
भारत से टकराना भारी पड़ेगा
नीदरलैंड को सोचना होगा कि क्या पाकिस्तान जैसे अस्थिर और आतंक-समर्थक देश के लिए वह भारत जैसे आर्थिक और सामरिक साझेदार से अपने रिश्ते खराब करना चाहता है? तुर्की की तरह उसे भी भारत की सख्त नीति का सामना करना पड़ सकता है।