नेपाल बर्थ रेट: नेपाल इस समय विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक अस्थिरता के कारण चर्चा में है, लेकिन अगर हम इसके जनसंख्या ढांचे और बर्थ रेट पर नज़र डालें तो कई अहम तथ्य सामने आते हैं।
नेपाल परंपरागत रूप से हिंदू बहुल देश रहा है, और आज भी यहां हिंदुओं की सबसे बड़ी आबादी है।
Table of Contents
नेपाल बर्थ रेट: जनसंख्या और धर्म का परिदृश्य
2021 की जनगणना के अनुसार नेपाल की कुल आबादी लगभग 2 करोड़ 97 लाख है, जिसमें से 2 करोड़ 36 लाख लोग हिंदू हैं।
यानी नेपाल की 79% से अधिक आबादी हिंदू धर्म का पालन करती है।
इसके अलावा बौद्ध धर्म यहां का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, जबकि मुस्लिम और ईसाई समुदाय अपेक्षाकृत छोटे लेकिन लगातार बढ़ते हिस्से के रूप में सामने आ रहे हैं।
नेपाल बर्थ रेट: दुनिया की कुल जनसंख्या का लगभग 0.36% नेपाल में निवास करता है।
नेपाल बर्थ रेट: जन्म दर और प्रजनन दर में गिरावट
नेपाल बर्थ रेट: जनसंख्या की रफ्तार को समझने के लिए नेपाल का बर्थ रेट और फर्टिलिटी रेट अहम है।
Macrotrends के आंकड़ों के मुताबिक नेपाल का जन्म दर (Birth Rate) 1.76 है, जो पड़ोसी देश बांग्लादेश (2.16) से भी कम है।
इससे साफ है कि नेपाल में जन्म दर लगातार घट रही है।
नेपाल बर्थ रेट: फर्टिलिटी रेट के आंकड़े भी यही दर्शाते हैं। 2024 में नेपाल का प्रजनन दर 1.78 रहा, जबकि 2023 में यह 1.98 था।
2022 में प्रजनन दर 2.00 दर्ज किया गया था, जो 2021 से 1.14% कम था।
यह लगातार गिरावट नेपाल की जनसांख्यिकी संरचना में बदलाव की ओर इशारा करती है।
नेपाल बर्थ रेट: मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी
नेपाल की धार्मिक संरचना पर नजर डालें तो 2021 की जनगणना एक दिलचस्प ट्रेंड दिखाती है।
जहां हिंदू और बौद्ध आबादी में मामूली गिरावट दर्ज की गई, वहीं मुसलमानों और ईसाइयों की संख्या बढ़ी है।
2011 में जहां मुस्लिम समुदाय नेपाल की कुल आबादी का 4.39% थे, वहीं 2021 तक यह आंकड़ा बढ़कर 5.09% हो गया।
यानी 10 सालों में मुस्लिम आबादी में 0.69% की बढ़ोतरी हुई है।
नेपाल बर्थ रेट: कुल मिलाकर देश में लगभग 15 लाख मुसलमान रहते हैं।
इस बढ़ोतरी के साथ इस्लाम नेपाल का तीसरा सबसे बड़ा धर्म बन चुका है।
नेपाल बर्थ रेट: मुस्लिम समुदाय ज्यादातर तराई क्षेत्र और शहरी इलाकों में केंद्रित है।