Nehru’s letter: कांग्रेस पिछले कुछ दिनों से अपना प्रेम बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति दिखाने की हर संभव कोशिश कर रही है और ऐसा जता रही है कि उनके अतिरिक्त कोई बाबा साहेब को सम्मान नहीं देता। कांग्रेसी नेता गृहमंत्री अमित शाह की आधी-अधूरी क्लिप को साझा कर अपना प्रोपगेंडा फैला रहे थे, लेकिन इसी बीच जवाहर लाल नेहरू का एक पत्र सामने आया जो बताता है कि कांग्रेस शुरुआती समय से बाबा साहेब के लिए कैसी विचार रखती थी। यह पत्र जवाहरलाल नेहरू ने 20 जनवरी 1946 को अमृत कौर के नाम लिखा था। इस पत्र को nehruselectedworks.com पर पढ़ा जा सकता है।
पत्र में लिखा, ‘अंबेडकर ने ब्रिटिश सरकार के साथ गठजोड़ किया’
इस पत्र में जवाहर लाल नेहरू ने बाबा साहेब के बारे में बात करते हुए कहा था “…मुझसे पूछा गया कि आखिर कांग्रेस क्यों अंबेडकर के पास नहीं जाती और उनसे सुलह कर लेती। मैंने उनसे कहा कि कांग्रेस ऐसा कुछ नहीं करने वाली। अंबेडकर ने लगातार कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं का अपमान किया है। जब तक वह माफी नहीं माँगते तब तक कांग्रेस का उनसे लेना-देना नहीं है। मैंने निश्चित तौर पर ये नहीं कहा कि अनुसूतिच जाति के लोगों को पूना पैक्ट के तहत राजनैतिक लाभ नहीं मिलेंगे। लेकिन मेरा पूरा जोर इस बात पर था कि अंबेडकर ने ब्रिटिश सरकार के साथ गठजोड़ किया था और कॉन्ग्रेस के खिलाफ थे। हम उनसे डील नहीं कर सकते।”
भाजपा नेताओं ने कहा, अंबेडकर से यह कैसा प्रेम?
इसी पत्र के अंश को हाईलाइट करके अब सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस से सवाल हो रहे हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय ने लिखा, ” ये सोच से भी परे है कि नेहरू ने अमृत कौर को लिखे पत्र में बाबा साहेब को ‘गद्दार’कहा और उन पर ब्रिटिशों के साथ गठजोड़ करने का आरोप लगाया… संविधान के रचयिता बाबा साहेब और दलित समुदाय की इससे बड़ी बेइज्जती नहीं हो सकती।”
अमिताभ चौधरी लिखते हैं, “1946 में अमृत कौर को लिखे गए पत्र में नेहरू ने अंबेडकर को ‘गद्दार’कहा था और उनपर ब्रिटिशों के साथ गठजोड़ करने का आरोप लगाया था। आज उन्हीं का खून राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस के लोग वीर सावरकर को भी ब्रिटिश एजेंट बोलते हैं।”
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