Myths VS Facts: हममें से कई लोग सेहत को लेकर कुछ बातों को पक्के ‘फैक्ट्स’ मानते हैं – जैसे हर दिन 8 गिलास पानी ज़रूरी है, या BMI सही है तो सब ठीक है। लेकिन मेडिकल साइंस कहता है कि ये आधा सच है। ये बातें आधी-अधूरी या पूरी तरह से गलत भी हो सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसे 5 हेल्थ मिथ्स और उनका सच क्या है।
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मिथक: बेल्ट वाली जगह से कमर नापना सही होता है।
Myths VS Facts: आपको बता दें कि जो सालों से आप बेल्ट को कमर से नापते आ रहे हैं वो तरीका गलत है।
सच: कई लोग कमर की नाप बेल्ट के पास लेते हैं, जबकि सही तरीका है – नाभि (navel) के पास माप लेना। बेल्ट अक्सर कमर के नीचे होती है जिससे पेट कि चर्बी का पता नहीं चल पता। चर्बी निचली कमर में नहीं बल्कि पेट के बीच हिस्से में जमा होती है, यही चर्बी दिल की बीमारी, फैटी लिवर जैसी बीमारियों की जड़ होती है।पुरुषों की कमर 37 इंच से कम और महिलाओं की 31.5 इंच से कम होनी चाहिए
मिथक: लिवर टेस्ट नॉर्मल है तो लिवर एकदम ठीक है
Myths VS Facts: सच: लिवर की रिपोर्ट भले ही ‘नॉर्मल’ दिख रही हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लिवर पर कोई असर नहीं हो रहा। उदाहरण के लिए, AST (एक लिवर एंजाइम) 40 तक नॉर्मल माना जाता है, लेकिन आज के डॉक्टर्स इसे 25 से कम रखने की सलाह देते हैं ताकि फैटी लिवर जैसी समस्याओं से बचा जा सके।
मिथक: BMI नॉर्मल है तो सेहत भी अच्छी है
Myths VS Facts: सच :BMI यानी बॉडी मास इंडेक्स, सिर्फ वजन और लंबाई पर आधारित होता है। यह ये नहीं बताता कि आपके शरीर में फैट ज्यादा है या मसल्स। बहुत से फिट लोग जिनकी मसल्स ज्यादा होती हैं, उनका BMI हाई आ सकता है, जबकि कुछ लोग जिनका BMI सामान्य है, उनके शरीर में छिपी हुई चर्बी हो सकती है – जो कहीं ज्यादा खतरनाक है।
मिथक: ट्राइग्लिसराइड्स 200 से कम हैं तो चिंता की बात नहीं
सच: ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार की फैट है, जो दिल की बीमारियों और डायबिटीज से जुड़ी होती है। पहले 200 तक को नॉर्मल माना जाता था, लेकिन अब एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इसे 150 mg/dL से कम और बेहतर हो तो 100 के आसपास रखना चाहिए।
मिथक: हर दिन 8 गिलास पानी पीना जरूरी है
सच:हर किसी को एक जैसा पानी पीने की ज़रूरत नहीं होती। यह निर्भर करता है आपकी बॉडी, मौसम, एक्टिविटी लेवल और हेल्थ कंडीशन पर। सबसे बेहतर तरीका है – जब प्यास लगे तब पानी पिएं और यह देखें कि पेशाब का रंग हल्का हो। यही असली हाइड्रेशन है।
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