MP: कथावाचक प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा से ठीक एक दिन पहले, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के चितावलिया हेमा स्थित कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई और 10 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए।
यह हादसा मंगलवार सुबह उस समय हुआ जब भारी संख्या में श्रद्धालु रुद्राक्ष लेने के लिए लाइन में लगे हुए थे।
इस घटना ने एक बार फिर से कुबेरेश्वर धाम में भीड़ प्रबंधन की कमजोर तैयारियों और व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है।
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MP: कुबेरेश्वर धाम तक कांवड़ यात्रा
प्रदीप मिश्रा द्वारा सीवन नदी से कुबेरेश्वर धाम तक कांवड़ यात्रा की घोषणा के बाद से ही यहां श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। वे इस समय भिलाई में कथा कर रहे हैं।
लेकिन उनके नाम पर आयोजित कार्यक्रम और प्रचार के चलते आश्रम में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहले से ही एकत्र हो चुके थे।
प्रशासन और आयोजकों को अनुमान था कि रुद्राक्ष वितरण के लिए बड़ी संख्या में लोग आएंगे, लेकिन इसके बावजूद न तो कोई मजबूत इंतजाम किए गए और न ही सुरक्षा के पर्याप्त साधन मौजूद थे।
रूद्राक्ष लेने के लिए धक्का मुक्की
मंगलवार की सुबह श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी थीं। रुद्राक्ष वितरण काउंटर के पास जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, अव्यवस्थाएं भी सामने आने लगीं।
उसी दौरान एक महिला लाइन में गिर गई। उसे उठाने के लिए जब दूसरी महिला झुकी, तभी पीछे से किसी ने धक्का दे दिया।
देखते ही देखते लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ की स्थिति बन गई। चीख-पुकार मच गई, लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इस भगदड़ में दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई श्रद्धालु घायल हो गए।
घायलों को भेजा गया भोपाल
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में उन्हें भारी मशक्कत करनी पड़ी। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल भेजा गया, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई गई है।
गंभीर रूप से घायल लोगों को भोपाल रेफर किया गया है। भगदड़ के बाद कई श्रद्धालु डर और सदमे की स्थिति में नजर आए। मौके पर भारी अव्यवस्था और अव्यवस्थित भीड़ का आलम था।
जिससे यह साफ जाहिर हुआ कि आयोजकों ने इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का कोई ठोस प्लान नहीं बनाया था।
2023 में हुई थी भगदड़
यह कोई पहली बार नहीं है जब कुबेरेश्वर धाम में ऐसी घटना हुई हो। 16 फरवरी 2023 को भी रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मच चुकी है, जिसमें महाराष्ट्र की एक 53 वर्षीय महिला मंगल बाई की मौत हुई थी, जबकि चार लोग लापता हो गए थे।
अगले दिन, यानी 17 फरवरी को तीन साल के एक मासूम बच्चे अमोघ भत्त की भी मृत्यु हो गई थी। उस वक्त भी भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन को रुद्राक्ष महोत्सव बीच में ही रोकना पड़ा था। बावजूद इसके, इस बार भी वही लापरवाही दोहराई गई।
पिछले दो वर्षों में कुबेरेश्वर धाम में धार्मिक आयोजनों के दौरान अव्यवस्थाओं के चलते 15 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। हर बार प्रशासन और विठलेश सेवा समिति दावा करती है कि पुख्ता इंतजाम किए गए हैं,
लेकिन हादसा होते ही दोनों ही जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के नाम पर केवल औपचारिकताएं निभाई जाती हैं।