दूध के दाम हुए कम: देश में बढ़ती महंगाई के बीच उपभोक्ताओं को राहत देने वाली खबर सामने आई है। मदर डेयरी ने अपने कई लोकप्रिय डेयरी उत्पादों जैसे दूध, घी, मक्खन, पनीर, मिल्कशेक और आइसक्रीम की कीमतें घटा दी हैं।
हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कमी के बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है। इस फैसले से रोज़मर्रा की ज़रूरत का सामान आम लोगों के लिए कुछ सस्ता हो जाएगा।
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दूध के दाम हुए कम: भारत की सबसे बड़ी डेयरी
अमूल भारत की सबसे बड़ी डेयरी सहकारी संस्था है, जो हर दिन करीब 3.5 करोड़ लीटर दूध बेचती है। इसका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है और यह संगठन गुजरात के 18,600 गांवों से जुड़े करीब 36 लाख से ज्यादा दूध उत्पादकों पर आधारित है।
अमूल की मजबूत सप्लाई चेन और ब्रांड पावर के चलते यह पूरे देश के उपभोक्ताओं तक आसानी से पहुंचती है।
अगर अमूल अपने दूध की कीमत में 1 रुपये प्रति लीटर की कटौती करता है, तो इसका मतलब है कि कंपनी को रोजाना लगभग 3.5 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है।
यह रकम छोटी नहीं है और लंबे समय तक इस नुकसान को सहना आसान नहीं होगा। हालांकि, बड़े पैमाने पर कारोबार करने वाली कंपनी होने के कारण अमूल के लिए यह अस्थायी रूप से संभालना संभव है।
मदर डेयरी दिल्ली-एनसीआर पर केंद्रित
वहीं मदर डेयरी का फोकस मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर बाजार पर है। कंपनी यहां रोजाना लगभग 35 लाख लीटर दूध बेचती है।
इसके अलावा मदर डेयरी की मौजूदगी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्यों में भी है, लेकिन सबसे बड़ी खपत राजधानी क्षेत्र से ही आती है।
अगर मदर डेयरी दूध की कीमत में 1 रुपये प्रति लीटर की कटौती करती है, तो इसका मतलब है कि कंपनी को रोजाना लगभग 35 लाख रुपये का राजस्व नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कीमत घटाने का असर
दूध और डेयरी उत्पादों की कीमत घटने का सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलता है। दूध हर घर की रोजमर्रा की जरूरत है और इससे बनने वाले उत्पाद जैसे दही, मक्खन, पनीर और घी आम रसोई का अहम हिस्सा हैं।
ऐसे में कीमत घटने से करोड़ों परिवारों के बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा। लेकिन, कीमत कम करने से कंपनियों को बड़ा राजस्व नुकसान झेलना पड़ता है। यह नुकसान लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रह सकता।
इसलिए कंपनियां आमतौर पर इसे सीमित अवधि के लिए ही लागू करती हैं या फिर बढ़ती मांग और वॉल्यूम के जरिए इस नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करती हैं।
उपभोक्ता के लिए लाभ
उपभोक्ताओं के लिए दूध और उससे जुड़े उत्पादों की कीमत में गिरावट बड़ी राहत लेकर आती है। रोजमर्रा की खपत वाला दूध सस्ता हो जाने से हर घर का मासिक बजट प्रभावित होता है।
इसके अलावा दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर, मक्खन और आइसक्रीम की कीमतें घटने से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को फायदा मिलता है। ऐसे समय में जब महंगाई लगातार बढ़ रही हो, यह फैसला परिवारों को आर्थिक रूप से राहत देता है।
कंपनियों के लिए चुनौती
दूसरी तरफ कंपनियों के लिए यह कदम चुनौतियों से भरा हुआ है। अमूल और मदर डेयरी दोनों को ही राजस्व में भारी गिरावट झेलनी पड़ती है। लंबे समय तक दाम कम रखना कंपनियों के लिए मुश्किल हो सकता है।
इसके अलावा किसानों और डेयरी उत्पादकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना भी एक बड़ी जिम्मेदारी है। लागत बढ़ने की स्थिति में मुनाफे पर दबाव और अधिक बढ़ जाता है।